कोलकाता और दिल्ली से हुई दो गिरफ्तारियों के बाद हिमाचल प्रदेश की शिमला पुलिस ने पूरे उत्तर भारत में चल रहे बड़े ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. इस नेटवर्क का खास फोकस शिमला है. शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी के अनुसार, सिंडिकेट एक ऑर्गेनाइज्ड सप्लाई चेन है.
इसमें अलग -अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी जा रही थी. उन्होंने कहा कि इसमें निर्दोष लोगों के अकाउंट्स का दुरुपयोग किया जा रहा था और कोरियर के माध्यम से भी ड्रग्स पहुंचाए जा रहे थे. इस महीने की शुरुआत में कोलकाता से अंतरराज्यीय ड्रग किंगपिन संदीप शाह की गिरफ्तारी के बाद इस नेटवर्क का खुलासा हुआ. शाह अंतरराज्यीय ड्रग नेक्सस के माध्यम से चिट्टा (मिलावटी हेरोइन) की सप्लाई कर रहा था. उसके करीबी सहयोगी, दक्षिण दिल्ली के महरौली से नीरज कश्यप को भी गिरफ्तार किया गया था.
घर पर ड्रग्स की कॉन्टेक्टलेस डिलीवरी
कोलकाता स्थित शाह ने वर्चुअल नंबरों और सोशल नेटवर्किंग साइटों का उपयोग करके लोकल कॉन्टैक्ट्स के जरिए ड्रग्स डिमांड की जानकारी लेता था. सारा कम्युनिकेशन व्हाट्सएप के माध्यम से किया गया था, और निर्दोष लोगों के खातों का दुरुपयोग करने के बाद यूपीआई के जरिए दिल्ली में सहयोगियों के खातों में पेमेंट जमा किया जाता था. फिर बिना किसी सीधे संपर्क के ग्राहक के घर के पास डिलीवरी की गई.
गांधी ने कहा, 'इस संदिग्ध व्यापार में लगभग 500 लोग शामिल हैं, और तस्वीरों और अन्य डीटेल के माध्यम से लोकेशन की पुष्टि करके डिलीवरी की जाती है. पेमेंट की पुष्टि होने के बाद ग्राहक के साथ सटीक लोकेशन शेयर कर वहां ड्रग रख दिए जाते हैं.' पुलिस ने बताया कि हेरोइन की कंज्यूम करने की क्वांटिटी मात्रा 5 ग्राम है, जबकि व्यावसायिक मात्रा 250 ग्राम है. सजा से बचने के लिए अधिकांश चिट्टे की तस्करी कंज्यूम करने की क्वांटिटी के बराबर ही की जाती है, क्योंकि ये मात्रा जमानती होती है.
ड्रग की कीमत 4,000 से 6,000 रुपये प्रति ग्राम
पुलिस ने कहा कि एक व्यक्ति जो चिट्टे का सेवन करता है - जिसकी कीमत 4,000 रुपये से 6,000 रुपये प्रति ग्राम के बीच होती है - जब वह आदी हो जाता है और ड्रग नहीं खरीद सकता तो दूसरों के इसका आदी बनाने की कोशिश करता है जिससे एक श्रृंखला बनती है जो आखिरकार तस्करी की ओर ले जाती है. गांधी ने कहा कि हमारा फोकस, ड्रग तस्करों के नेटवर्क को निशाना बनाकर डिमांड पर अटैक करना है. आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21 (निर्मित दवाओं और तैयारियों के संबंध में उल्लंघन के लिए सजा), 29 (उकसाने) और बीएनएस (संगठित अपराध) अधिनियम की धारा 11 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
16 आरोपियों को गिरफ्तार
अब तक शाह, उनके करीबी सहयोगी और एक पुलिस कांस्टेबल सहित कुल 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले दो दिनों में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में शिमला जिले के शुभम शांडिल, संदीप धीमान, संजय वर्मा, विशाल मेहता (लोअर खलीनी), आशीष, प्रज्वल जस्टा, नितिन खेपन, धडवारी डोडरा क्वार और अभिनव कंवर शामिल हैं. 14 अगस्त, 2024 को शिमला पुलिस ने शिमला के बस स्टैंड पर एक होटल के पास से दक्षिण दिल्ली के दो व्यक्तियों रोहित पांडे और सूरज को पकड़ा और उनके कब्जे से 6.38 ग्राम चिट्टा बरामद किया.
पुलिस टीमों ने ड्रग सप्लाई चेल के सरगना की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए उन्नत साइबर जांच उपकरणों का इस्तेमाल किया. शाह नशीली दवाओं के व्यापार को चलाने के लिए फर्जी पहचान, वर्चुअल नंबर और कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था. पुलिस ने कहा कि जांच में पर्याप्त वित्तीय गतिविधि का पता चला है, जिसमें शाह और कश्यप के खातों में 1.2 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का खुलासा हुआ है. अन्य अकाउंट्स का पता लगाया जाना बाकी है, जिनमें संभावित रूप से करोड़ों रुपये शामिल हो सकते हैं.
फ्रीज कर दिए गए 21 खाते
अब तक, 17 व्यक्तियों से जुड़े कुल 21 खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, जिनकी कुल संख्या कई लाख है, और शिमला स्थित पेडलर्स से शाह और कश्यप के खातों में कई यूपीआई लेनदेन का पता लगाया गया है. पुलिस ने माता-पिता को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों और उनके खर्चों पर कड़ी नजर रखें और अगर उन्हें संदेह हो कि उनका बच्चा नशीली दवाओं के सेवन में शामिल है, तो शीघ्र उपचार और परामर्श लें.