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क्लास में गलत जवाब देने पर छात्रा से क्लासमेट्स को पिटवाती थी महिला टीचर, FIR दर्ज

शिमला के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका पर आरोप है कि उन्होंने छात्रा से सहपाठियों को थप्पड़ मरवाए. 10 साल की छात्रा की शिकायत पर शिक्षिका के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. छात्रा ने बताया कि शिक्षिका ने उसे जोर से मारने के लिए कहा और डराया.

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ये AI से बनाई गई तस्वीर है. इसका इस्तेमाल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है.
ये AI से बनाई गई तस्वीर है. इसका इस्तेमाल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है.

शिमला के एक सरकारी स्कूल में एक महिला शिक्षिका पर छात्रा से सहपाठियों को थप्पड़ मरवाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार, 10 साल की एक छात्रा की शिकायत पर शिक्षिका के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 75 (बच्चों के प्रति क्रूरता) के तहत केस दर्ज किया गया है.

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जानिए क्या है पूरा मामला?
सोमवार दोपहर, शिक्षिका ने कक्षा में संस्कृत के कुछ शब्दों के अर्थ पूछे, जिन्हें याद करने का होमवर्क दिया गया था. शिकायतकर्ता छात्रा ने सही उत्तर दिया, लेकिन 10-12 अन्य छात्राएं जवाब नहीं दे पाईं. इस पर शिक्षिका ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह उन छात्राओं को थप्पड़ मारे जो जवाब नहीं दे सकीं.

छात्रा ने शिक्षिका के कहने पर हल्के थप्पड़ मारे, लेकिन शिक्षिका ने उसे जोर से मारने को कहा. उन्होंने यह भी कहा, 'तुम क्लास मॉनिटर हो, तुम्हें ठीक से थप्पड़ मारना भी नहीं आता?'

शिकायतकर्ता के अनुसार, दो अन्य छात्राओं को भी थप्पड़ मारा गया, जिन्होंने सही उत्तर दिए थे. इस घटना से छात्राएं डर गईं.

डरी हुई छात्रा ने की शिकायत
छात्रा ने बताया कि शिक्षिका का व्यवहार उसे डरा देता था और वह अक्सर कहती थीं, 'तुम अपने माता-पिता से जो चाहो कहो, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.' घटना के बाद छात्रा ने अपने माता-पिता को बताया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.

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पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शिक्षिका के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

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