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शिमला जलसंकट के चलते स्कूल बंद, बढ़ाई गई पानी की सप्लाई

शिमला में पानी की सप्लाई को 2.25 करोड़ लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 2.8 करोड़ लीटर प्रति दिन कर दिया गया है. बावजूद इसके जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त पानी न मिलने से नाराज लोगों प्रदर्शन किया.

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पानी के लिए लगी लंबी कतारें
पानी के लिए लगी लंबी कतारें

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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में करीब 10 दिन से जारी जलसंकट के चलते नगर निगम के तहत आने वाले स्कूलों को एक सप्ताह तक बंद रखने का फैसला किया गया है. पानी की समस्या को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय शिमला फेस्टिवल को भी स्थगित किया गया है.

स्कूलों के बंद रखने के फैसले की जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से बताया गया कि सभी उच्चतर, माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल बंद रहेंगे. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 29 मई को पानी के संकट से जूझ रहे शिमला में निर्माण गतिविधियों और कार की धुलाई पर एक सप्ताह के लिये प्रतिबंध लगाया है.

शिमला नगर निगम क्षेत्र की आबादी तकरीबन 1.72 लाख है, लेकिन गर्मियों में पर्यटन के प्रमुख मौसम में यहां लोगों की संख्या 90 हजार से एक लाख तक और बढ़ जाती है. इस मौसम में पानी की जरूरत बढ़कर रोजाना साढ़े चार करोड़ लीटर (एमएलडी) हो जाती है.

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शनिवार को शिमला में पानी की सप्लाई को 2.25 करोड़ लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 2.8 करोड़ लीटर प्रति दिन कर दिया गया है. बावजूद इसके जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त पानी न मिलने से नाराज लोगों प्रदर्शन किया. इस बीच पानी की आपूर्ति में कथित लापरवाही का संज्ञान में लेते हुए सिंचाई एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री महिंदर सिंह ने शिमला नगर निगम के एसडीओ के निलंबन के आदेश दिये हैं.

मंत्री के मुताबिक सरकार अधिकारियों की ओर से किसी तरह की ढील को बर्दाश्त नहीं करेगी और जो लापरवाह पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि शहर के निवासी, शिमला के मेयर, उप मेयर और नगरपालिका आयुक्त के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

कासुमप्टी, माहली, जीवनु, पांथाघटी और कुछ अन्य कालोनियों ने पानी की अपर्याप्त आपूर्ति के विरोध में सड़कें बंद कर जोरदार प्रदर्शन हुआ. महिलाओं से लेकर सभी वर्गों के लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए आए दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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