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सुक्खू सरकार को हिमाचल HC से झटका, 6 मुख्य संसदीय सचिव हटाए, नियुक्ति को बताया असंवैधानिक

हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 6 CPS (चीफ पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी) को हटाने और तुरंत सुविधाएं वापस लेने के आदेश दिए हैं. हिमाचल सरकार ने 6 CPS की नियुक्ति जनवरी 2023 में की थी.

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हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू. (फाइल फोटो)
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू. (फाइल फोटो)

हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 6 CPS (चीफ पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी) को हटाने और तुरंत सुविधाएं वापस लेने के आदेश दिए हैं. हिमाचल सरकार ने 6 CPS की नियुक्ति जनवरी 2023 में की थी. जानकारी के अनुसार,  सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आशीष बुटेल, किशोरीलाल, मोहन लाल बरागटा, संजय अवस्थी, राम कुमार और सुंदर ठाकुर को CPS नियुक्त किया था. सरकार इन्हें गाड़ी के साथ-साथ दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान सैलरी दे रही थी.

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जयराम ठाकुर ने कोर्ट के फैसले को सराहा

हाईकोर्ट के इस फैसले पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, 'आज हिमाचल हाईकोर्ट ने बहुत अच्छा फैसला CPS को लेकर दिया है. इसे गैर संवैधानिक घोषित कर दिया गया है और 6 CPS हटा दिए गए हैं. मैं माननीय न्यायालय का इस फैसले पर बहुत धन्यवाद करता हूं. यह फैसला यही तक सीमित नहीं है, इसमें यह भी कहा है कि आगे की कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इन 6 विधायकों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए और रिकवरी उनसे होनी चाहिए.' जयराम ठाकुर ने कहा कि इन विधायकों को 6 वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने को लेकर चुनाव आयोग से बीजेपी मांग करेंगी. उन्होंने कहा कि फैसले को पढ़ने पर पता चलता है कि इन 6 विधायकों के खिलाफ आगे आने वाले समय में सख्त निर्णय लिए जा सकते हैं.

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उधर, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है. बता दें कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में कहा कि वह और राज्य के सभी मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव (CPS) और कैबिनेट स्तर के सदस्य 2 महीने तक सैलरी नहीं लेंगे, क्योंकि राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा है.

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