हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही अटल टनल से जुड़ा पुराना विवाद बाहर आ गया है. सूबे के नए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासन को अटल टनल से 2020 में गायब हुआ शिलान्यास पत्थर दोबारा स्थापित करने का आदेश दिया है.
दरअसल, राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 28 जून 2010 को सुरंग के पास धुंडी में टनल के दक्षिण पोर्टल की आधारशिला रखी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और दिवंगत केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह की उपस्थिति में शिलान्यास किया गया था.
पुलिस थाने में दर्ज हुई थी शिकायत
कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 अक्टूबर 2020 को सुरंग का उद्घाटन करने से पहले कथित तौर पर शिलान्यास पत्थर को हटा दिया गया था. लाहौल और स्पीति जिले के तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष गयालचन ठाकुर ने 13 अक्टूबर 2020 को पुलिस में पत्थर गायब होने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी.
कांग्रेस ने BJP पर लगाया था आरोप
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर शिलान्यास पत्थर हटाने का आरोप लगाया था. आरोप-प्रत्यारोप के बाद पुलिस ने स्पष्टीकरण जारी किया था. अपने स्पष्टरीकरण में 14 अक्टूबर 2020 को पुलिस ने स्पष्ट किया था कि सोनिया गांधी द्वारा रखी गई आधारशिला सुरंग बनाने वाली निजी निर्माण कंपनी SAJV के पास सुरक्षित है.
वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में हुआ फैसला
हिमाचल कांग्रेस के तत्कालीन प्रमुख कुलदीप राठौर ने इस संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा था. राठौर ने पत्र में कहा था कि शिलान्यास पत्थर को हटाना अवैध है. साथ ही उन्होंने ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में रणनीतिक सुरंग बनाने का फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था, तब देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे. उनके सम्मान में 2019 में केंद्रीय कैबिनेट ने रोहतांग सुरंग प्रोजेक्ट का नाम अटल सुरंग रखने का फैसला किया था.