scorecardresearch
 

देवभूमि हिमाचल से गायब हो रहे हैं प्राचीन ‘देवता’

देवभूमि के रूप में पहचाने जाने वाले हिमाचल प्रदेश से देवता गायब हो रहे हैं. प्राचीन वस्तुओं की चोरी व तस्करी करने वाले चोर और तस्कर विभिन्न मंदिरों से देवताओं की प्राचीन मूर्तियां चुराकर ले जा रहे हैं, जिनकी कीमत लाखों-करोड़ों में है.

Advertisement
X

देवभूमि के रूप में पहचाने जाने वाले हिमाचल प्रदेश से देवता गायब हो रहे हैं. प्राचीन वस्तुओं की चोरी व तस्करी करने वाले चोर और तस्कर विभिन्न मंदिरों से देवताओं की प्राचीन मूर्तियां चुराकर ले जा रहे हैं, जिनकी कीमत लाखों-करोड़ों में है.

Advertisement

बीते सप्ताह चोर शिमला से 120 किलोमीटर दूर रोहरू शहर के नजदीक बचुंच गांव में तीन शताब्दी पुराने बोंदरा ‘देवता’ मंदिर से छह प्राचीन मूर्तियां चुरा ले गए, जिनकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है.

पुलिस के अनुसार, हाल के दिनों में धार्मिक स्थलों से हुई ये बड़ी चोरियों में से एक है. पिछले 15 साल में मंदिरों से करीब 100 चोरियों की वारदात सामने आई हैं, जिनमें 20 से अधिक सुर्खियों में रहे. पुलिस ने इन चोरियों में नेपाली अप्रवासियों का हाथ होने की आशंका जताई है. उन्हें संदेह है कि विदेशी तस्करों के साथ मिलकर वे धार्मिक स्थलों पर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) संजय कुमार ने कहा, ‘यह एक गंभीर मुद्दा है. हम निश्चित तौर पर जल्द ही सभी प्रसिद्ध मंदिरों एवं मठों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करेंगे.’

Advertisement

उन्होंने कहा कि मंदिर एवं मठ समितियों से उन स्थानों पर लोहे की ग्रिल लगाने के लिए कहा गया है, जहां मूर्तियां एवं आभूषण रखे जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे और अलार्म लगाने के लिए भी आश्वस्त करेंगे.’

राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों की देखरेख करने वाले राज्य के भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कई चोरियों के बावजूद राज्य में प्राचीन वस्तुओं की सुरक्षा को लेकर कोई नीति नहीं है.

हिमाचल में मंदिरों से मूल्यवान वस्तुओं की होने वाली चोरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2008 से 2011 के बीच 33.83 लाख रुपये की मूर्तियों एवं कीमती वस्तुओं की चोरी हुई, जिनमें से 5.49 लाख रुपये मूल्य की वस्तुएं बरामद कर ली गईं. इसकी जानकारी पांच अप्रैल, 2011 को स्वयं राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने विधानसभा में दी थी.

Live TV

Advertisement
Advertisement