आतंकी ट्रेनिंग के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) चले गए 4587 कश्मीरी युवकों में से अधिकतर अब वापस लौटना चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सरकार को सूचना दी गई कि ऐसे कश्मीरियों की कुल संख्या 4587 हैं. ये सारे आतंकी ट्रेनिंग के लिए नियंत्रण रेखा पार कर पीओके चले गए थे. उनके पास अब कोई चारा नहीं है. उनमें से अधिकतर अब देश वापस आना चाहते हैं.
उमर अब्दुल्ला को गृह विभाग ने दी जानकारी
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के सवाल पर गृह विभाग ने यह लिखित जानकारी दी है. सदन में दी गई विभागीय जानकारी में बताया गया है कि इनमें से 474 युवक साल 2014 के दिसंबर में लौट आए थे. वहीं साल 2015 के जनवरी में भी ऐसे 15 नौजवान लौट कर आए. ये सभी पीओके से नेपाल के रास्ते वापस लौटे हैं.
पुनर्वास नीति में आ रही कानूनी अड़चनें
उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री रहते लागू की गई पुनर्वास नीति की वजह से ऐसा होने की बात कही जा रही है. इस नीति के ढंग से अमल में तमाम कानूनी अड़चनें सामने आ रही हैं. नेपाल के जरिए कश्मीर आने का रास्ता भी कानूनी तौर पर मंजूर नहीं है, लेकिन कोई चारा नहीं देख घर वापसी के लिए यह दूर का रास्ता अपनाया जाता है.
राज्य सरकार ने फिलहाल इस नीति पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है. सरकार की ओर से विधानसभा में कहा गया है कि इस मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने उठाएगी.