बता दें कि सर्दियों में बर्फबारी की वजह से जम्मू-कश्मीर में जिंदगी की रफ्तार थम जाती है. कड़ाके की सर्दी के बीच सेना को ड्यूटी देनी पड़ती है. इस चुनौती से निपटने के लिए सेना ने 5 अगस्त के बाद 500 सुरक्षा बंकरों का निर्माण किया है. ये बंकर संवेदनशील इलाकों में बनाए गए हैं. इसके अलावा ट्रैफिक चौराहों पर इसे तैयार किया गया है. इन बंकरों में वे पैरा मिलिट्री जवान रहेंगे जो अनुच्छेद 370 हटने के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों से यहां मंगाए गए थे.
घाटी में सुरक्षा की स्थिति नाजुक
बता दें कि 5 अगस्त से पहले लगभग 50,000 सुरक्षा जवान जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था संभालने के लिए बुलाए गए थे. इंडिया टुडे के साथ बातचीत में सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घाटी में सुरक्षा की स्थिति अभी भी नाजुक है और सर्दी का मौसम नजदीक आ रहा है. इन बंकरों का निर्माण सुरक्षा बलों के लिए किया गया है.
क्या कह रहे हैं स्थानीय लोग?
श्रीनगर के लाल चौक में दुकान चलाने वाले अब्दुल रशीद ने कहा कि 2008 में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार के दौरान ज्यादातर श्रीनगर से बंकर हटा लिए गए थे. बंकर बनाने के फैसले से आपत्ति जताते हुए अब्दुल रशीद ने कहा कि अब एक बार फिर से बंकर बनाया जा रहा है, 370 हटने के बाद क्या कश्मीर में यही बदलाव आएगा? हालांकि बंकरों की वजह से कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की भी स्थिति पैदा हो जाती है. इस वजह से कुछ लोग इस पर आपत्ति जता रहे हैं.