भारतीय रेल के नाम जल्द ही एक और रिकॉर्ड जुड़ जाएगा. वह कश्मीर घाटी को रेल से जोड़ने के लिए जो रेल मार्ग तैयार कर रही है उसमें एक ऐसा ब्रिज भी बनेगा जो एफिल टॉवर से भी ऊंचा होगा.
यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज होगा. इसकी ऊंचाई दिल्ली के कुतुब मीनार से पांच गुना ज्यादा होगी और सिर्फ इसे बनाने पर 512 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. यह रेल ब्रिज जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल गांव में चेनाब नदी के ऊपर बनाया जा रहा है.
इस बनने में अभी तीन साल का वक्त लगेगा. यह ब्रिज एक मेहराब की शक्ल का है और इसके निर्माण का काम अटल बिहारी वाजपेयी के समय में शुरू हुआ था, लेकिन बाद में यहां यह ब्रिज बनाना खतरनाक समझा गया और इसलिए 2008 में इस परियोजना को बंद कर दिया गया.
2010 में इसे राष्ट्रीय परियोजना बताकर फिर से शुरू कर दिया गया. इस ब्रिज की ऊंचाई 392 मीटर होगी और इतनी ऊंचाई पर 200 किलोमीटर की गति से भी तेज हवाएं चलती हैं जो उसे उड़ा सकती हैं. इस कारण इसके डिजाइन में कई तरह के परिवर्तन किए गए हैं.
इसके लिए डेनमार्क की एक कंपनी से सलाह ली गई है. ऐफकॉन इंडिया इसे बना रही है. इस ब्रिज के साइट तक पहुंचने के लिए रेलवे को कई सड़कें भी बनानी पड़ीं. 1.3 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज इतना मजबूत होगा कि उस पर ट्रेन के 18 कोच चल सकेंगे.
इसके लिए स्टील के गर्डर इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इसके स्टील प्लेट्स स्टील अथॉरिटी के भिलाई प्लांट में बन रहे हैं. खास बात ये है कि मेहराब के डिजाइन वाले रेल ब्रिज दुनिया में सिर्फ छह देशों में हैं.