अन्ना आंदोलन से उपजी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी रविवार को पांच साल की हो जाएगी. पांच बरस की आम आदमी पार्टी का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को केजरीवाल देश के अलग-अलग कोने से आने वाले कार्यकर्ताओं के साथ जमा होंगे. आम आदमी पार्टी ने इस जश्न को "क्रांति के पांच साल" का नाम दिया है. पिछले 10 दिनों से आप नेता और कार्यकर्ता इस जश्न की तैयारी कर रहे हैं, जिसके तहत राजधानी के हर चप्पे-चप्पे पर बैनर पोस्टर लगाकर कार्यकर्ताओं का स्वागत किया जा रहा है.
रामलीला मैदान पर पार्टी के विधायक और नेता सिलेंडर, राशन और सब्जियां लेकर कार्यकर्ताओं के लिए भोजन बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. रविवार दोपहर को आम आदमी पार्टी के 5 साल पूरे होने का जश्न का कार्यक्रम शुरू होगा. वहीं, इस जश्न में पार्टी से खफा नेता कुमार विश्वास के शरीक होने या ना होने की तमाम आशंकाएं खत्म हो चुकी हैं, क्योंकि उन्होंने खुद ही सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखा है कि वह 3:00 बजे रामलीला मैदान पर मौजूद होंगे और कार्यकर्ताओं से राजनीतिक परिपेक्ष को लेकर अपने दिल की बात कहेंगे. हालांकि इसके पहले विश्वास के करीबी सूत्र दावा करते रहे थे कि पार्टी ने उन्हें जलसे में शामिल होने का निमंत्रण नहीं भेजा है.
कुमार विश्वास के करीबी सूत्रों का भी यही कहना था कि वह रविवार को पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बाहर जाएंगे, जिसके चलते वो इसका हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन विश्वास ने साफ कर दिया है कि वह रामलीला मैदान पर मौजूद होंगे. पार्टी के नेताओं के खिलाफ मुहीम छेड़ने वाले कुमार विश्वास अब रविवार को रामलीला मैदान पर क्या बोलेंगे, इस पर सबकी नजर बनी हुई है.
पार्टी के कार्यकर्ताओं में सोशल मीडिया पर बेचैनी है कि क्या अविश्वास आज सभी कार्यकर्ताओं के सामने पार्टी के नेताओं के खिलाफ खुलकर बगावत करेंगे. वही, आम आदमी पार्टी के गठन के बाद पहली बार यह ऐसा मौका होगा, जब केजरीवाल अपने सभी नेताओं के साथ पार्टी का स्थापना दिवस मना रहे होंगे, लेकिन उनके कई पुराने सहयोगी और पार्टी के गठन के समय से जुड़े नेता इसका हिस्सा नहीं होंगे.
इन 5 सालों में आम आदमी पार्टी के कई संस्थापक सदस्य या तो पार्टी छोड़ चुके हैं या फिर उन्हें पार्टी से निकाला जा चुका है, जिसमें शाजिया इल्मी (अब बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं), स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे नेता भी शामिल हैं. ये किसी जमाने में अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी थे. वहीं, अमानतुल्लाह खान द्वारा कुमार विश्वास पर लगाए गए आरोपों के बाद से विश्वास और पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं के बीच भी आजह चल रही है. ऐसे में आज रामलीला मैदान में जश्न के दौरान खलल पढ़ने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.