जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 और 35-ए हटाए जाने के बाद से अब तक 16,79,520 लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट (मूल निवास प्रमाण पत्र) दिए गए हैं. हालांकि 21,13,879 लोगों ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था. जिनमें से करीब 17 लाख लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिए गए, जबकि उचित दस्तावेज के अभाव में 1,21,630 लोगों का आवेदन रद्द कर दिया गया. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी है.
रेड्डी ने कहा कि डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रक्रिया) नियम, 2020 के जम्मू और कश्मीर ग्रांट के नियम 5 के तहत कुछ दस्तावेजों को अनिवार्य किया गया है, जिन्हें आवेदक को आवेदन के साथ संलग्न करना है. जो भी आवेदक यह दस्तावेज नहीं दे रहे हैं उनके आवदेन को रद्द किया जा रहा है. इससे संबंधित राज्य सरकार के आदेश https://jkgad.nic.in पर देखे जा सकते हैं.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए सरकार की ओर से उठाये गए कदमों की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान से आए प्रवासियों के राहत और पुनर्वास के लिए भारत सरकार के तरफ से कई उपाय किए गए.
किशन रेड्डी ने कहा कि इन प्रवासियों के लिए रिलीफ कैंप खोले गए थे. जहां पर उन्हें खाना, आश्रय और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. कृषि से जुड़े परिवारों के लिए कृषि भूमि/लोन आवंटित की गई थी. जो लोग कृषि नहीं करने वाले थे उनको व्यापार आदि के लिए लोन दिया गया था.