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श्रीनगर: शहीदों की सुध लेने वाला कोई नहीं

बुधवार को श्रीनगर पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ जम्मू-कश्मीर से लेकर संसद तक बवाल हुआ लेकिन इन हंगामों के बीच उन शहीदों की सुध किसी को ना रही, जिन्होंने आतंक के तांडव में खुद को देश पर कुर्बान कर दिया.

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बुधवार को श्रीनगर पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ जम्मू-कश्मीर से लेकर संसद तक बवाल हुआ लेकिन इन हंगामों के बीच उन शहीदों की सुध किसी को ना रही, जिन्होंने आतंक के तांडव में खुद को देश पर कुर्बान कर दिया.

एक बार फिर ये साबित हो गया कि इस देश में सियासत हमेशा शहादत से बड़ी रहेगी. वो जवान देश की खातिर अपनी जान तक लड़ा देते हैं और ये सियासतदान अपनी सत्ता के लिए सबकुछ भूल जाते हैं.

श्रीनगर में आतंकी हमला हुआ, 5 जवान शहीद हो गए. जम्मू-कश्मीर विधानसभा से लेकर संसद तक में हंगामा हुआ. सड़कों पर बीजेपी ने जमकर बवाल काटा लेकिन इतनी फुर्सत किसी को नहीं थी कि जब श्रीनगर में शहीदों के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई, तो वहां कोई पहुंच पाता. बस उन शहादतों को लेकर सियासत गरमाती रही.

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हालांकि, जब श्रद्धांजलि सभा को लेकर मीडिया में खबर गरमाई तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला फौरन पहुंचे शहीदों को आखिरी विदाई देने, जब वो श्रीनगर से अपने-अपने घरों के लिए विदा ले रहे थे.

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