AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के श्रीनगर में जामिया मस्जिद बंद रखने के बयान पर मंगलवार को श्रीनगर पुलिस ने ट्विटर पर जवाब दिया. पुलिस ने लिखा कि जामिया मस्जिद पूरी तरह से खुली है. कोविड के बाद केवल 3 मौकों पर इसे आतंकवादी हमले, कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण शुक्रवार दोपहर की नमाज के लिए अस्थायी रूप से बंद किया गया था. यह फैसला तब लिया गया जब जामिया मस्जिद के जिम्मेदारों ने मस्जिद के अंदर किसी तरह की घटना होने पर जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया था.
श्रीनगर में क्यों बंद है जामिया मस्जिद: ओवैसी
दक्षिण कश्मीर के दो जिलों शोपियां और पुलवामा में सोमवार को मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया गया था. इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने सिनेमा हॉल्स के बहाने मनोज सिंहा से श्रीनगर जामिया मस्जिद को लेकर सवाल किया था.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने शोपियां और पुलवामा में सिनेमा हॉल खोल दिए लेकिन हर जुमे को श्रीनगर की जामिया मस्जिद बंद क्यों रहती हैं. कम से कम दोपहर के मैटिनी शो के दौरान तो उन्हें बंद नहीं करें.
तीन दशक बाद खुले सिनेमाहॉल-मल्टीप्लेक्स
कश्मीर में तीन दशकों के बाद सोमवार को पहली बार मल्टीप्लेक्स खुल गया है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में इस मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन किया. इसके उद्घाटन के साथ ही कश्मीर के लोगों को तीन दशकों के बाद पहली बार मल्टीप्लेक्स पर फिल्म देखने का मौका मिला है. लेकिन कश्मीर की धरती पर मल्टीप्लेक्स खुलने की यह राह उतनी आसान नहीं थी. इससे पहले भी कई बार कश्मीर में सिनेमा हॉल खोलने के प्रयास किए गए लेकिन सफल नहीं हो पाए.
जल्द ही कश्मीर के हर जिले में सिनेमा हॉल खुलेगा
कश्मीर में सिनेमा हॉल खोले जाने को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि हम जल्द ही जम्मू कश्मीर के हर जिले में इस तरह के मल्टीपर्पस सिनेमा हॉल का निर्माण करेंगे. जल्द ही अनंतनाग, बांदीपोरा, गांदरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ और किश्तवाड़ में इस तरह के सिनेमा हॉल का निर्माण किया जाएगा.
आतंकियों के डर से बंद हुए थे सिनेमा हॉल
बता दें कि अकेले घाटी में 1980 के दशक के अंत तक दर्जनभर सिनेमा हॉल थे लेकिन आतंकी संगठनों की धमकियों के बाद इन्हें कामकाज बंद करना पड़ा.
हालांकि, प्रशासन ने 1990 के दशक में दोबारा इन थिएटर्स को खोलने की कोशिश की लेकिन सितंबर 1999 में लाल चौक में रीगल सिनेमा पर घातक ग्रेनेड हमले के बाद इन प्रयासों को रोक दिया गया.
इसके साथ ही दो अन्य थिएटर्स नीलम और ब्रॉडवे को भी आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिस वजह से उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा था.