कठुआ कांड पर जम्मू-कश्मीर में सियासी तूफान मचता दिखाई दे रहा है. गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के बचाव में रैली करने वाले बीजेपी कोटे से राज्य सरकार में दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद लगता है कि मामला और तूल पकड़ गया है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर की गठबंधन सरकार में शामिल बीजेपी के सभी मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की है.
बताया जा रहा है कि बीजेपी कोटे से मंत्रियों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सामने अपने-अपने इस्तीफे की पेशकश की है. अब इस पर अंतिम फैसला पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को ही लेना है.
हालांकि, अगर ऐसा होता है तो यह जम्मू-कश्मीर सरकार के लिए कोई खतरे वाली बात नहीं है. बताया जा रहा है कि पीडीपी के साथ बीजेपी के गठबंधन पर इस फैसले का असर नजर नहीं आएगा. यह महज मंत्रियों के इस्तीफे से जुड़ा मामला है. कहा जा रहा है कि इस इस्तीफे से राज्य की पीडीपी-बीजेपी सरकार को कोई खतरा नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के सभी मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि महबूबा सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल होना है.
सरकार के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि राज्य में बीजेपी के मंत्रियों की जिम्मेदारी बदली जानी है. दिन पहले ही राज्य में कठुआ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में रैली निकालने वाले बीजेपी के दो मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया गया था. ये मंत्री चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा थे. इनके इस्तीफे के बाद बीजेपी की ओर से उप मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल कुमार सिंह, बाली भगत, चेरिंग दोरजय, शामलाल चौधरी, अब्दुल गनी कोहली, सुनील कुमार शर्मा, प्रिया सेठी और अजय नंदा सरकार में शामिल हैं.
बता दें कि 2015 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ था. जिसके बाद बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी पीडीपी के साथ मिलकर मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में सरकार बनाई.
मुफ्ती सईद की कैबिनेट में बीजेपी कोटे से कुल 11 मंत्री शामिल किए गए, जिनमें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के सज्जाद गनी लोन को भी शामिल किया गया. बीजेपी नेताओं में उपमुख्यमंत्री पद का भार डॉ निर्मल सिंह को दिया गया. मुफ्ती सईद की मौत के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती सूबे की कमान संभाल रही हैं.
फिलहाल, बीजेपी कोटे से निर्मल कुमार सिंह, बाली भगत, सज्जाद गनी लोन, चेरिंग दोर्जे, श्याम लाल चौधरी, अब्दुल गनी कोहली, सुनील कुमार शर्मा, प्रिया सेठी और अजय नंदा महबूबा मुफ्ती कैबिनेट का हिस्सा हैं. जबकि लाल सिंह और चंद्र प्रकाश का हाल ही में इस्तीफा मंजूर हुआ है.
गैंगरेप और हत्यारोपियों के समर्थन पर इस्तीफा
हाल ही में जब कठुआ की घटना सामने आई तो बीजेपी कोटे के दो मंत्रियों लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा पर आरोपियों के समर्थन में रैली निकालने के आरोप लगे. इसके बाद विवाद ने तूल पकड़ा तो दोनों मंत्रियों को अपना इस्तीफा देना पड़ा.
हालांकि, इस बीच बीजेपी-पीडीपी गठबंधन को लेकर भी खबरें आने लगीं. लेकिन पार्टी नेताओं की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं मिले. इस बीच अब बीजेपी कोटे के बाकी मंत्रियों ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी है, जिससे राज्य में सियासी संकट की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं.