देश महफूज रहे, इसके लिए पांच हिंदुस्तानी दुश्मन की दगाबाजी का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए. पुंछ में जिन पांच जवानों ने अपनी जान की कीमत देकर वतन की रक्षा की, उन्हें पूरा देश सलाम कर रहा है.
वतन के ये वो रखवाले हैं, जिन्होंने रात के अंधेरे में दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी, ताकि आप अपने घरों में चैन की नींद सो सकें. इनके खून के एक-एक कतरे से सरहद पर हिफाजत की इबारत लिखी है. ये वतन पर अपनी जान देने वाले वो जांबाज हैं, जिन्होंने सिर कटा दिया, ताकि हिंदुस्तान का मस्तक कभी झुके नहीं.
1- शंभु शरण राय
नायक- 21 रेजिमेंट बिहार
2- प्रेम नाथ सिंह
लांस नायक, 21 रेजिंमेंट बिहार
3- रघुनंदन प्रसाद
सिपाही, 21 रेजिमेंट बिहार
4- विजय कुमार राय
सिपाही, 21 रेजिमेंट बिहार
5- किंदालिक माने
नायक, 14 मिलिट्री इंटेलिजेंस
ये वो जवान हैं, जो ना होते तो पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाली आतंक की आर्मी ने ना जाने क्या कोहराम मचाया होता लेकिन मौत के मुंह में इन्होंने हंसते-हंसते खुद को धकेल दिया, ताकि आपकी जिंदगी आबाद रहे, देश जिंदाबाद रहे.
ये नहीं हैं, लेकिन इनकी शहादत ने पूरे देश को बेचैन कर दिया. सड़क से संसद तक, आम आदमी के हुकूमत के शीर्ष तक. जो जहां है, वहीं इनकी बहादुरी को सलाम कर रहा है और कसम खा रहा है कि इनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी. वतनपरस्ती की इस बुनियाद पर हिंदुस्तान की सरहद सलामत रहेगी.