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अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील के बाद कश्मीर में हालात सामान्य

जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार की गहमागहमी के बाद शनिवार (3 अगस्त) को जिंदगी पटरी पर लौट रही है. श्रीनगर में शनिवार को तनाव का माहौल देखने को नहीं मिला. पेट्रोल पपों पर सामान्य भीड़ दिखी. शुक्रवार शाम को एटीएम पर दिखने वाली लंबी कतारें भी शनिवार सुबह गायब हो गई थीं.

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अमरनाथ यात्रा पर आए सैलानी (फाइल फोटो-IANS)
अमरनाथ यात्रा पर आए सैलानी (फाइल फोटो-IANS)

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जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार की गहमागहमी के बाद शनिवार (3 अगस्त) को जिंदगी पटरी पर लौट रही है. श्रीनगर में शनिवार को तनाव का माहौल देखने को नहीं मिला. शनिवार सुबह जनजीवन सामान्य रहा. बच्चे स्कूल जा रहे थे. पेट्रोल पपों पर सामान्य भीड़ दिखी. शुक्रवार शाम को एटीएम पर दिखने वाली लंबी कतारें भी शनिवार सुबह गायब हो गई थीं. इसके अलावा राशन दुकानों में रोज की तरह इक्के-दुक्के लोग दिखे, जबकि शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा को लेकर एडवाइजरी यात्री करने के बाद लोग राशन जमा करने के लिए टूट पड़े थे.

रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में इंटरनेट सेवाएं भी सामान्य रूप से चल रही है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देर रात एक बयान जारी कर कहा कि प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी का ताल्लुक सिर्फ अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा से है. राज्यपाल ने कहा कि लोग अफवाहों पर एकदम ध्यान न दें और शांति बनाए रखें.   

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2 अगस्त को मात्र 704 यात्रियों ने किए दर्शन

2 अगस्त को जम्म-कश्मीर प्रशासन द्वारा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद अमरनाथ दर्शन करने जा रहे यात्रियों की संख्या में भारी कमी हुई है. शुक्रवार (2 अगस्त) को मात्र 704 यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. इनमें से बालटाल की ओर से मात्र 596 यात्री अमरनाथ गुफा पहुंचे, जबकि पहलगाम की ओर से 108 श्रद्धालु बाबा के द्वार पहुंचे. इस सभी यात्रियों को हेलिकॉप्टर के जरिए गुफा तक पहुंचाया गया. आतंकी खतरे को देखते हुए अब कोई यात्री पैदल सफर नहीं कर रहा है.

बता दें कि इस साल 2 अगस्त तक 3 लाख 43 हज़ार 587 यात्रियों ने किए पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन किए हैं. अमरनाथ श्राइन की वेबसाइट के मुताबिक 30 जुलाई से अमरनाथ गुफा पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार कमी हो रही है. 30 जुलाई को 10,360 यात्री यहां पहुंचा, 31 जुलाई को 7,917 यात्रियों ने बाबा के दर्शन किए, 1 अगस्त को 3196 यात्री यहां पहुंचे, जबकि 2 अगस्त को ये आंकड़ा मात्र 704 रह गया.

इससे पहले आतंकी खतरे के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर एक एडवाइजरी जारी की गई थी. इसमें लिखा था, "आतंकी खतरे, खास तौर पर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के खतरे पर खुफिया विभाग के ताजा इनपुट और कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के हित में ये सलाह दी जाती है कि वो तुरंत घाटी में अपने ठहराव को छोटा करें और जितना जल्द हो सके वापस लौटने की कोशिश करें."

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इस एडवाइजरी के बाद प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा पर जा रहे यात्रियों को वापस बुलाना शुरू कर दिया.

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