लगातार बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा बार-बार बाधित हो रही है. इस तीर्थयात्रा पर निकले यात्रियों को रोजाना किसी न किसी समस्या से दो चार होना ही पड़ रहा है. बालटाल मार्ग पर यात्रा अभी भी शुरू नहीं हो सकी है. बालटाल मार्ग को भूस्खलन के चलते हाई रिस्क जोन में डालते हुए इस रूट को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है. अब बालटाल के यात्रियों को पहलगाम की ओर से रवाना किया जाएगा.
राज्यपाल एनएन वोहरा की ओर से श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के सीईओ उमंग नारुल को निर्देश दिए जाने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन आज सुबह शुरू कर दिया गया है. श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के 3 एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को मदद के लिए उतारा गया है.
पंजतरणी में फंसे यात्रियों को वहां से निकालकर बालटाल बेस कैम्प में पहुंचाया गया. आईटीबीपी के जवान रिस्क्यू में लगे हुए हैं और 26 प्रयासों में फंसे 326 यात्रियों को सुरक्षित निकालकर हेलीपैड तक पहुंचाया गया. बीमार और बुजुर्ग यात्रियों को सबसे पहले हेलीकॉप्टर से वहां से बाहर निकाला गया.
बालटाल मार्ग पर भूस्खलन को साफ करने का अभियान जारी है, यहां पर मंगलवार को हुए भारी भूस्खलन से चार तीर्थयात्रियों और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी. जबकि दुर्घटना में 10 अन्य लोग भी घायल हो गए थे, जिसके बाद तीर्थयात्रा रोक दी गई थी.
लगातार बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा में बार-बार खलल पड़ रही है. खासकर बालटाल-संगम-गुफा मार्ग पर.
हालांकि अमरनाथ यात्रा कश्मीर घाटी में पहलगाम से शुक्रवार को फिर से बहाल कर दी गई, जबकि बालटाल रूट से यात्रा तीसरे दिन भी रुकी रही. बालटाल में खराब स्थिति को देखते हुए वहां से किसी को भी आगे जाने नहीं दिया जा रहा.
दूसरी ओर, अमरनाथ तीर्थ यात्रियों को ले जा रही एक बस शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें दो लोग घायल हो गए. यह हादसा बालटाल बेस कैम्प से श्रीनगर की तरफ जाने के दौरान श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ. घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.
बारिश और खराब मौसम के कारण बनिहाल से बारामुला तक की सभी ट्रेन सेवाएं 7 जुलाई तक के लिए रोक दी गई है.
लगातार बारिश और खराब मौसम के बीच 28 जून को निर्धारित समय पर अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई. यह यात्रा रक्षा बंधन के दिन (26 अगस्त) समाप्त होगी.