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प्राकृतिक आपदा के बाद अमरनाथ यात्रा फिर शुरू, पंजतरणी से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाएंगे श्रद्धालु

प्राकृतिक आपदा के बाद अमरनाथ यात्रा सोमवार से फिर शुरू हो गई है. लिहाजा 4 हजार से अधिक श्रद्दालुओं का जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुआ. श्रद्धालु पवित्र गुफा तक पंजतरणी की ओर से जाएंगे.

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अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू हो गई है
अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू हो गई है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमरनाथ में प्राकृतिक आपदा में हुई 16 लोगों की मौत
  • बादल फटने की वजह से 40 लोग लापता हो गए हैं

अमरनाथ में प्राकृतिक आपदा के बाद एक बार फिर से य़ात्रा शुरू हो गई है. मन भोलेनाथ के प्रति अगाध आस्था लिए भक्त एक बार फिर से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकल पड़े हैं. इस बार यात्रा पंजतरणी से शुरू हुई है. मतलब सभी तीर्थयात्री पंजतरणी से बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए पवित्र गुफा तक जाएंगे. दर्शन करने के बाद श्रद्धालु इसी रास्ते से वापसी करेंगे. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक बालटाल मार्ग से आज कोई भी श्रद्धालु दर्शन के लिए नहीं जाएगा. 

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अधिकारियों ने कहा कि 4000 से अधिक तीर्थयात्रियों का एक और जत्था रवाना हुआ है. बीते कुछ दिनों से खराब मौसम की वजह से यात्रा रोक दी गई थी. रविवार को घाटी में किसी भी जत्थे को शिविरों में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. वहीं सोमवार को सीआरपीएफ की भारी सुरक्षा के बीच 110 वाहनों के काफिले में 12वें जत्थे में 4,026 तीर्थयात्री भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुए हैं.

बालटाल के लिए जाने वाले 1,016 तीर्थयात्री सबसे पहले भगवती नगर शिविर से 35 वाहनों में सुबह साढ़े तीन बजे रवाना हुए, इसके बाद 75 वाहनों का दूसरा काफिला 2,425 तीर्थयात्रियों को लेकर पहलगाम के लिए रवाना हुआ.

अधिकारियों ने बताया कि पहलगाम मार्ग पर स्थित नुनवान बेस शिविर से सोमवार सुबह तीर्थयात्रियों के एक नए जत्थे को भी अनुमति दी गई. इस बीच सेना ने पवित्र गुफा के बाहर एक अस्थायी सीढ़ी का निर्माण किया है. शुक्रवार को बादल फटने से हुए भूस्खलन के कारण मंदिर की ओर जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था.

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अमरनाथ में 8 जुलाई को बादल फटने से 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 लोग लापता हो गए हैं. करीब 105 लोग घायल हो गए हैं. प्राकृतिक आपदा के बाद अमरनाथ यात्रा कुछ समय के लिए रोक दी गई थी. पवित्र अमरनाथ गुफा इलाका, बालटाल और पंजतरणी समेत अन्य जगहों पर भारी बारिश की वजह से रास्ते ब्लॉक हो गए थे.

बचाव कार्य के लिए सेना ने 4 MI 17 हेलीकॉप्टरों और 4 चेतक हेलीकॉप्टरों को लगाया था. यहां विभिन्न स्थानों पर फंसे 15000 हजारों तीर्थयात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया. वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की थी.

अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हुई थी. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक अब तक 1.13 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं. यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन समाप्त होगी.
 

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