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आतंकी बस का पीछा कर बरसा रहे थे गोलियां, चारों ओर मची थी चीख-पुकार

मरने वाले सभी श्रद्धालु गुजरात से हैं. हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अहम बैठक बुलाई है.लेकिन आखिर ये हमला कैसे हुआ, कब हुआ. इस हमले की पूरी कहानी पढ़िए...

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अमरनाथ यात्रा की पूरी कहानी
अमरनाथ यात्रा की पूरी कहानी

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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयब्बा ने ली है. आतंकियों के हमले में कुल 19 यात्री घायल हुए हैं. मरने वाले सभी श्रद्धालु गुजरात से हैं. हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अहम बैठक बुलाई है.लेकिन आखिर ये हमला कैसे हुआ, कब हुआ. इस हमले की पूरी कहानी पढ़िए...

अपने रिस्क कर रहे थे यात्रा

कश्मीर में आतंकियों का निशाना बने अमरनाथ यात्री अपने रिस्क पर बाबा बर्फानी के दर्शन को जा रहे थे. जानकारी के मुताबिक इस रास्ते पर हमले से 50 मिनट पहले ही सुरक्षा हटाई गई थी और 8.20 बजे आतंकियों ने श्रद्धालुओं की बस को निशाना बनाया डाला. इससे पहले श्रद्धालुओं का आधिकारिक काफिला शाम 4 बजे अमरनाथ गुफा के लिए निकला था. इसके बाद 7.30 बजे पेट्रोल पार्टी ने गश्त हटा ली. ऐसे में इन यात्रियों को सुरक्षा नहीं मिल पाई.

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श्रीनगर से अलग हुए थी बस

उच्च सूत्रों के मुताबिक गुजरात की ये बस शाम 5 बजे श्रीनगर से बिना पुलिस सुरक्षा के आगे बढ़ी थी. इसके बाद बस में सवार यात्री शायद श्रीनगर में घूमने लगे और काफिले से अलग हो गए. बताया जा रहा है बस श्राइन बोर्ड में रजिस्टर भी नहीं थी. हमले में अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है. हताहतों में 2 पुरुष और 5 महिलाएं हैं. बस में कुल 54 लोग सवार थे. आतंकियों के हमले का शिकार हुई बस का नंबर GJ 09 Z 9976 है.

 

 

पहले पुलिस जीप पर हुआ हमला

आतंकियों ने सबसे पहले पुलिस जीप पर हमला बोला, उसके बाद बस पर गोलियां बरसानी शुरू की. बस के ड्राइवर ने बस दौड़ाई लेकिन फिर भी आतंकी लगातार गोलियां बरसाते रहे. इस दौरान बस में काफी चीख पुकार हुई.

वलसाड से निकली थी बस

ओम ट्रैवल्स की ये बस गुजरात के वलसाड से निकली थी. इनमें पांच महिला और एक पुरुष थे. आतंकी हमले में मरने वाले सभी श्रद्धालु गुजरात से हैं. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बैंक का कहना है कि ये बस आधिकारिक काफिले का हिस्सा नहीं थी और बस सभी सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है.घायलों में से एक यात्री की तस्वीर सामने आई हैं. जो कि अस्पताल में भर्ती हैं. इनका नाम हर्ष देसाई है. हर्ष हमले का शिकार हुई बस के मालिक जवाहर भाई देसाई के बेटे हैं.

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पूरी कर चुके थे यात्रा

सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक ये यात्री दो दिन पहले ही अमरनाथ यात्रा पूरी कर चुके थे. ये लोग पिछले 24 घंटे से से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में घूम रहे थे. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में और जानकारी जुटा रही हैं.

 

 

दोनों तरफ से हुई फायरिंग

जिस समय आतंकियों ने हमला किया उस दौरान वहां पर मौजूद कई गाड़ियों को भी गोलियां लगी. हमले के दौरान आर्मी और पुलिस ने भी आतंकियों पर फायरिंग की गई. क्रॉस फायरिंग में ही कई गोलियां चली. हमला करने के बाद हमलावर एक गली से भाग निकले, सबसे पहले पुलिस की गाड़ी पर हमला हुआ, तभी बस बीच में आ गई, और बस पर भी गोलियां हुईं, हमला करने के बाद नेशनल हाइवे पर कड़ी सुरक्षा है.

हमले का शिकार हुई बस की डिटेल

बस का रजिस्ट्रेशन नंबर - GJ09Z0976

मालिक का नाम - राकेश कुमार बाबूलाल शाह

मालिक का पता - एटी पीओ 13, महावीर सोसायटी कॉलेज रोड, तालोड़ सांबरकांटा

इंजिन नंबर - 91K77585

चेसिस नंबर - 91K58903

मॉडल - बोलेरा कैंपर

टाइप - लाइट गुड व्हीकल

कलर - व्हाइट

कंपनी का नाम - एमएमटीडी माही एंड माही लिमिटेड

RTO = 9

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सोमवार को हमले के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनंतनाग के अस्पताल पहुंचीं. घायलों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस घटना से कश्मीर का सिर झुक गया है. दोषियों को छोड़ेंगे नहीं. वहीं मंगलवार को उन्होंने राज्यपाल एनएन वोहरा, उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह के साथ सभी मृतकों को श्रद्धांजलि दी.

पीएम मोदी ने की हमले की निंदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रियों पर कायरतापूर्ण हमले पर दुख जताने के लिए शब्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकने वाला नहीं है. पीएम ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. वहीं इस हमले के बाद कश्मीर घाटी में एक बार फिर इंटरनेट सेवा बैन कर दिया गया है.

 

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