जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देश के नए गृह मंत्री अमित शाह से शनिवार को दिल्ली में मुलाकात की. अमित शाह से मुलाकात के बाद सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था और जमीनी हालत के बारे में गृह मंत्री को जानकारी दी है. दोनों के बीच विकास के विभिन्न मुद्दों के अलावा कश्मीर घाटी एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हुई. बैठक के बाद मलिक ने पत्रकारों से कहा, "मैंने गृह मंत्री के साथ सुरक्षा मामलों और विकास के मुद्दों पर चर्चा की."
सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य प्रशासन अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि लोगों के समर्थन से पिछले साल की तरह इस बार भी अमरनाथ यात्रा का सफल संचालन किया जाएगा. 46 दिनों तक चलने वाली ये यात्रा शिवरात्रि के दिन एक जुलाई से शुरू होगी और यह 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन खत्म होगी.
Jammu & Kashmir Governor Satya Pal Malik after meeting Union Home Minister Amit Shah: I briefed him about the ground situation in the state, the development and the circumstances. pic.twitter.com/QM9mSEZfhn
— ANI (@ANI) June 1, 2019
राज्यपाल सत्यपाल मलिक से जब जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव करवाना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है और ये उनके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है.
जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाने की चुनौती
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अभी गवर्नर शासन चल रहा है. यहां पिछले साल नवंबर में विधानसभा भंग कर दी गई थी. इससे पहले बीजेपी द्वारा महबूबा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद यहां की सरकार गिर गई थी. अब यहां केंद्र और राज्य के लिए शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव करवाने की चुनौती है. सुरक्षा कारणों और हिंसा की वजह से ही यहां लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं हो पाए.
पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंक के ग्राफ में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. जम्मू-कश्मीर में साल 2018 में 191 युवा आतंकी संगठनों से जुड़े हैं. दूसरी तरफ, सीमा पर तमाम चौकसी के बाद भी पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ में खास कमी नहीं आई है.
कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान भी शहीद हुए हैं. साल 2016 में 171 जवान शहीद हुए थे, लेकिन जनवरी 2018 से अब तक यह संख्या 200 से ज्यादा रही है. घाटी में साल 2018 में 244 आतंकी मारे गए थे.