बीजेपी ने जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए अपने प्रयासों को गुरुवार को तेज कर दिया. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संघ के नेताओं को शांत करने के लिए आरएसएस मुख्यालय पहुंचे जबकि भगवा नेताओं का एक अन्य समूह मुफ्ती मोहम्मद सईद समेत पीडीपी नेताओं से संपर्क कर रहा है ताकि विवादास्पद AFSPA का सौहार्दपूर्ण समाधान ढूंढ़ा जा सके.
पीडीपी प्रवक्ता नईम अख्तर ने बताया, बातचीत जारी है और हमें उम्मीद है कि सकारात्मक परिणाम शीघ्र आएंगे.
घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष विवादास्पद आफस्पा को वापस लेने पर समाधान तलाश रहे हैं. पीडीपी कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के कुछ इलाकों से आफस्पा को हटाने पर लिखित आश्वासन मांग रही है. यह विचार पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रखा था. बीजेपी ने हालांकि इस पर अपने पांव पीछे खींचने शुरू कर दिए हैं और साफ कर दिया कि वह अनुच्छेद 370 और आफस्पा जैसे मुद्दों पर अपने रख में नरमी नहीं लाएगी.
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पीडीपी नेताओं के साथ बातचीत जारी है ताकि अहम मुद्दों पर मतभेदों को दूर किया जा सके और आम सहमति बनाई जा सके और इसे राज्य में प्रस्तावित गठबंधन सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सके.
अमित शाह गुरुवार सुबह आरएसएस के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए पहुंचे और ऐसा समझा जाता है कि उनके साथ इन अहम मुद्दों पर चर्चा की. यह बैठक आरएसएस के अनुच्छेद 370 और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को नागरिकता देने के मुद्दे पर बीजेपी के रुख में कथित तौर पर नरमी लाने का विरोध करने की पृष्ठभूमि में हुई है.
बीजेपी और पीडीपी जम्मू कश्मीर में गठबंधन सरकार बनाने को उत्सुक हैं जहां विधानसभा में किसी भी पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला.
इनपुट-भाषा