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आतंक की "काली गुफाओं" पर अब होगा प्रहार, नहीं बचेंगे एक भी आतंकी, बन गया प्लान!

सूत्रों ने आज तक को एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि पाकिस्तान राजौरी और पूँछ के इलाके से सबसे ज्यादा आतंकी घुसपैठ और आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इसके पीछे वजह ये है कि यहां के खतरनाक जंगल है. राजौरी के कोटरंका का केसरी हिल का इलाका काफी खतरनाक है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और आर्मी जम्मू कश्मीर को दहलाने के लिए नित नई चाल चलते रहते हैं. पर इनकी चाल को हमेशा सुरक्षा एजेंसियां नाकाम करती हैं. सूत्रों ने आज़ तक को जानकारी दी है कि आतंकी संगठन पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसीय ISI की सह पर जम्मू कश्मीर के पहाड़ी इलाकों के जंगलों की प्राकृतिक गुफाओं को अपने छिपने के लिए नए नए स्थान बना रहे हैं इसके साथ ही यहीं पर ड्रोन और ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद के जरिये स्मगल किये गए हथियारों को छिपाते है. 

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सूत्रों ने बताया कि पीर पंजाल रेंज जो जम्मू रीजन को घाटी से जोड़ता है, यहाँ पर ऐसी कई पुरानी और खतरनाक प्राकृतिक गुफाएं है जिनका इस्तेमाल इस वक्त आतंकी छिपने के लिए कर रहे हैं. इन आतंकियों को चुपचाप ओवर ग्राउंड वर्कर जो जंगली इलाकों के जानकार हैं वो इनको खाना पीना और दूसरी रसद पहुंचाते हैं. सुरक्षा बलों ने हाल ही में अनंतनाग के पहाड़ों आतंकियों के हाईड आउट और उनके छिपे होने की सूचना पर बड़ा ऑपरेशन किया, लेकिन हमारे अधिकारियों और जवान का बड़ा नुकसान हो गया है.

सूत्रों के मुताबिक अब सुरक्षा बल इन प्राकृतिक गुफाओं में छिपे आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन करेगी जहाँ से चुन चुन कर आतंकियों को ढेर किया जाएगा. आपको बता दें कि पीर पंजाल पर्वतमाला की भौगोलिक स्थिति अफगानिस्तान के पहाड़ों की तरह ही है. और इसलिए ही ये आतंकवादियों के छिपने के लिए उनकी सबसे पसंदीदा जगह है. इसके अलावा पीर पंजाल के जंगलों का इलाका भी आपस में जुड़ा हुआ है. इससे आतंकवादियों को बड़ी मदद मिलती है, वो एक जगह पर आतंकी हमले को अंजाम देते हैं और दूसरी जगह जाकर छिप जाते हैं.

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राजौरी का केसरी हिल्स में भी खतरनाक प्राकृतिक छिपने वाली गुफाएं है
सूत्रों ने आज तक को एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि पाकिस्तान राजौरी और पूँछ के इलाके से सबसे ज्यादा आतंकी घुसपैठ और आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इसके पीछे वजह ये है कि यहां के खतरनाक जंगल है. राजौरी के कोटरंका का केसरी हिल का इलाका काफी खतरनाक है. भौगोलिक तौर पर देखा जाए तो इस इलाके में कटीली झाड़ियां और बड़े-बड़े पत्थरों के बोल्डर मिल जाते हैं जो आतंकियों के लिए बड़े ढाल का काम करते हैं इसके साथ ही इस इलाके में 12 से अधिक प्राकृतिक गुफाएं भी हैं जिनमें आतंकी बड़ी घटना को अंजाम देकर या फिर घुसपैठ करके छुप जाते हैं जिससे ये सुरक्षाबलों के लिए एक टेढ़ी खीर बन जाता है.

केसरी हिल्स के इलाके में 3 से 4 बड़ी आतंकी वारदात
सुरक्षाबलों के सूत्रों की मानें तो केसरी हिल के इलाके में पिछले कुछ महीनों में आतंकियों की तरफ से 3-4 बड़ी वारदातें की जा चुकी हैं. इस साल की शुरुआत में आपको बता दें कि राजौरी के डोंगरी में हमला करने के बाद आतंकवादियों ने टारगेटेड किलिंग कर आम नागरिकों की हत्या कर दी थी वहीं इसी केसरी हिल के इलाके में पुंछ में सैन्य वाहन पर हमला कर और उसमें स्टिकी बम का इस्तेमाल कर आग लगा दिया था जिसमें हमारे 5 जवान शहीद हो गए थे. 

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हाल ही में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन त्रिनेत्र लांच किया था. इसी केसरी हिल के इलाके का फायदा उठा कर आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर आईईडी ब्लास्ट किया और उसके बाद सुरक्षाबलों को काफी नुकसान पहुंचा जिसमें हमारे 5 जांबाज शहीद हो गए. सूत्र बताते हैं कि इस इलाके में बनी प्राकृतिक गुफाओं को आतंकी शेल्टर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और यहां छिपकर ऑपरेशन करने गए सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं औऱ बाद में छिप जाते हैं. इन दिनों सुरक्षाबलों के लिए इन प्राकृतिक गुफाओं में छिपे आतंकियों की करतूत काफी चैलेंजिंग हो गई है.

आतंकी घुसपैठ के लिए 10 रास्ते का इस्तेमाल करते हैं 
आज तक के पास आतंक के घुसपैठ के रास्तों की ख़ुफ़िया जानकारी मौजूद है, जिसमे आतंकी जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करते हैं. कई रास्ते जम्मू कश्मीर में प्राकृतिक तौर पर बने हुए हैं, जो आतंकियों को घुसपैठ करने में मदद करते हैं. स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर इन जंगली इलाको की पूरी जानकारी पाक आतंकियों को देता है जिसके बाद बुजदिल आतंकी चोरी छुपे घुसपैठ करते हैं.

1. दुधनियाल लॉंच पैड (POK) रूट से कैथनवाली फारेस्ट से होते हुए मगाम फारेस्ट से होते हुए कुपवाड़ा आतंकी भेजने का प्लान.

2. केल लॉन्च पैड रूट से होते हुए लोलाब घाटी से Kshama Krlapora से होते हुए कुपवाड़ा आतंकी पहुंचाने का प्लान.

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3.नल्ली (POK) रूट से होते हुए मंजियोट के रास्ते दंडसेर फारेस्ट के जरिए कालाकोट से घुसपैठ का प्लान.

4. कोटकोतेरा(POK) रूट से होते हुए आतंकी बगला और कालाकोट पहुंचने की फ़िराक़ में रहते हैं.

5. निकैल (POK) रूट से राजौरी और पूँछ में घुसपैठ का प्लान. घुसपैठ का रूट निकैल से बुधल ...मंजीकोट का रास्ता अपना सकते है आतंकी.

6.बताल गाँव (POK)..के आतंकी..रूट...से आतंकी....कस नाला होते हुये राजौरी में घुसपैठ की फिराक में.

7. बोई (POK) के आतंकी रूट से आतंकी....सोन गली.....गुरसैंन. सुर्रन कोट होते हुए जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कर सकते हैं.

8. खुईरेरट्टा (POK)..रूट..से होते हुये आतंकी...मोहरा गैप का इस्तेमाल करने की फ़िराक़ में यहाँ से आतंकी नौशेरा और सुंदरबनी में घुसपैठ की कोशिश में हैं.

9. आतंकी कश्मीर के शोपियां में घुसपैठ करने के लिए "हिल काका" के एरिया से pok से आने की कोशिश में.

10. सूत्रों के मुताबिक आतंकी गुरेज़, माछिल, केरन सेक्टर और गुलमर्ग की तरफ आने के लिए "उस्ताद पोस्ट" के रूट का इस्तेमाल करने की कोशिश में.

इस साल 40 आतंकी हुए हैं ढेर, जिसमें 30 पाकिस्तानी
ख़ुफ़िया एजेंसियों ने आज तक को जानकारी दी है कि इस साल जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 40 आतंकी सुरक्षा बलों की गोली का निशाना बने हैं. इनमें से 30 विदेशी यानी पाकिस्तान से आये आतंकी हैं और बाकी स्थानीय आतंकी थे. इनमें से ज्यादातर आतंकियों को राजौरी और पुंछ इलाके के जंगलों में ढेर किया गया है जहाँ भारी संख्या में प्राकृतिक गुफाएं हैं. यहाँ से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद भी बरामद किए जा चुके हैं.

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ISI दे रही है आतंक के लिए एन्क्रिप्टेड मैसेज
पाकिस्तान पोषित आतंकी जम्मू कश्मीर में भारतीय फौज से सीधे मुकाबला करने में फेल हो रहे हैं तो अब वो आतंक फैलाने के लिए डिजिटल टेरर प्लान तैयार किया गया है. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI डिजिटल डिवाइस ट्रेंड आतंकियों को घुसपैठ करा रहा है. तो उन तक मैसेज पहुंचाने के लिए हाई फ्रीक्वेंसी मोबाइल टावर का इस्तेमाल कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक पूँछ में ऐसे ही आतंकियों के पास से मिले सामग्री से खुलासा हुआ था. 

सूत्रों की माने तो आतंकियों को Encrypted डिजिटल मैप के साथ कश्मीर में दाखिल कराने की साजिश रचा गया है. पिछले कुछ महीनों में मारे गए आतंकियों के पास से Encrypted डिजिटल मैप ( Encryted Application based map search) बरामद हुए हैं. डिजिटल मैप में पहले से घुसपैठ के रास्ते फीड होते हैं. जिनका इस्तेमाल आतंकी करते हैं. यही नहीं सीमा पार से मिल रहे निर्देशो को पास करने के लिए higly encryped app का इस्तेमाल भी आतंकियों के द्वारा किया जा रहा है. जिससे भारतीय सुरक्षा एजेंसिया intercept न कर पाए.

सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे अब तक 12 से ज़्यादा वेब बेस्ड highly एन्क्रिप्टेड मेसेजिंग एप्प की जानकारी मिली है जिसका इस्तेमाल सीमा पार बैठे आतंकियों के कमांडर्स कश्मीर में मौजूद आतंकियों को संदेश भेजने के लिए कर रहे हैं. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले भी ऐसे ही 14 मैसेंजर एप्प को ब्लॉक कर चुकी है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान से आतंकियों को निर्देश देने के लिए किया जा रहा था. 

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आतंकियों को ये भी निर्देश दिया गया है कि वो भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले की लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग करे. आतंकियों को इसके लिए "Body Cam" और हेड बैंड कैमरा भी दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान पहले बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) को ऐसे बॉडी कैमरे देती थी और उसको निर्देश दिए जाते थे कि सुरक्षा बलों पर हमले के लाइव वीडियो बनाए. अब कई सालों बाद एक बार फिर पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए लिए आतंकियों को बॉडी कैमरे देकर भेज रही है.

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