जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने और नई व्यवस्था के तहत केंद्र शासित प्रदेश के रूप में आने के बाद दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक कार्यक्रम में कहा कि मौलवी, ग्रन्थि और पंडित जैसे धार्मिक शिक्षक राष्ट्रीय एकता यात्रा के हिस्से के रूप में यहां एकत्र हुए हैं. यह दर्शाता है कि कश्मीर में सभी समुदाय एक साथ कैसे रह सकते हैं. यह कश्मीर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है.
Army Chief Gen Bipin Rawat in Delhi: Religious teachers who are maulvis,granthis&pandits who have gathered here as part of national integration tour, it highlights how communities in Kashmir can live together. This is a significant message which is being sent to people of Kashmir pic.twitter.com/y7fW7QTo4f
— ANI (@ANI) November 5, 2019
बिपिन रावत ने आगे कहा, 'मुझे यह जानकर भी खुशी है कि ये लोग (रियासी और राजौरी) जिस क्षेत्र से आ रहे हैं, इन क्षेत्रों में शायद ही कोई उग्रवाद है और वहां के लोग खुश हैं.' उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में युवाओं के लिए भर्ती रैली आयोजित कराई जा सकती है, अगर वो सुरक्षा बलों या फिर पुलिस फोर्स में शामिल होना चाहते हैं.
रोजगार की गुंजाइशः बिपिन रावतArmy Chief: I am also happy to note that the areas (Reasi and Rajouri) these people are coming from, there is hardly any militancy in these areas, people are happy. Yes, there is scope for employment in these areas, for which we have told them that we will provide them help. https://t.co/D7uZ8G5OEh
— ANI (@ANI) November 5, 2019
सेनाप्रमुख ने कहा कि हां, इन क्षेत्रों में रोजगार की गुंजाइश है, जिसके लिए हमने उन्हें बताया है कि हम उन्हें सहायता प्रदान करेंगे.' सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, 'इन क्षेत्रों में भर्ती रैली आयोजित की जा सकती है ताकि इन क्षेत्रों के युवा रक्षा बलों में शामिल हो सकें. पुलिस बल भी हमारे साथ मिलकर भर्ती रैली आयोजित कर सकते हैं.'
इससे पहले पिछले दिनों सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि जब भारत जम्मू एवं कश्मीर को संदर्भित करता है, तो इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है.
जनरल बिपिन रावत ने मानेकशॉ सभागार में एक व्याख्यान के दौरान कहा था कि जब हम जम्मू एवं कश्मीर कहते हैं तो इसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य में पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान शामिल है. इसलिए पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान एक अधिकृत क्षेत्र बन जाता है. ऐसा क्षेत्र जो हमारे पश्चिमी पड़ोसी द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है.