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बर्फीले तूफान में 'देवदूत' का रोल निभाता है ये पूर्व सैनिक, बचाई कई जान

कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय चौकी 3 दिसंबर को बड़े बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई. ऐसे में वहां फंसे जवानों के लिए पूर्व सैनिक मोहम्मद इलियास देवदूत साबित हुए.

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भारतीय सेना ने भूतपूर्व सैनिक मोहम्मद इलियास
भारतीय सेना ने भूतपूर्व सैनिक मोहम्मद इलियास

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  • पूर्व सैनिक इलियास को सेना ने किया सम्मानित
  • बर्फीले तूफान की चपेट में आए जवानों को बचाया

भारतीय सेना ने एक भूतपूर्व सैनिक को सम्मानित किया है. इस भूतपूर्व सैनिक ने कश्मीर की एक चौकी पर बर्फीले तूफ़ान में फंसे कई जवानों की जान बचाई.

कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय चौकी 3 दिसंबर को बड़े बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई. ऐसे में वहां फंसे जवानों के लिए पूर्व सैनिक मोहम्मद इलियास ‘देवदूत’ साबित हुए. इलियास मदद के लिए तत्काल मौके पर पहुंचे. इलियास इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं में पहले भी राहत और बचाव के काम में सहयोग देते रहे हैं. उन्हें इस काम में महारत हासिल है.

भारतीय सेना से मानद कैप्टन के तौर पर रिटायर इलियास तंगधार में ही रहते हैं. बर्फ के नीचे दबे लोगों को बचाने में इलियास खासा अनुभव रखते हैं.

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सेवा काल में मिले दो मेडल

इलियास कहते हैं, ‘मुसीबत में फंसे इंसानों को बचाने के लिए हर किसी में अंदर से जज़्बा होना चाहिए. मैं खुद ही ऐसी स्थिति में बचाव के लिए आगे बढ़ता हूं. ये मेरे ख़ून में है. हर जवान के दिल में यही आग होनी चाहिए.’ इलियास को सेना में अपने सेवाकाल में दो सेना मेडल से नवाजा गया. इलियास को साहस और ड्यूटी के लिए असाधारण समर्पण दिखाने के लिए ये सेना मेडल दिए गए.  

बीते हफ्ते भी इलियास ने अपने जिले में बर्फ के नीचे दबे एक जवान को सुरक्षित बाहर निकाला था. सेना के अधिकारी इलियास के काम को देखते हुए उन्हें ‘रीयल हीरो’ बताते हैं.   

इलियास को आर्मी स्टाफ चीफ से 5 प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं. चिनार कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. एस. ढिल्लों ने कहा, “उनकी (इलियास) दक्षता बर्फीले तूफान में लोगों को बचाने की है. वो दो बार ऊंचाई वाले वारफेयर स्कूल में तैनात रह चुके हैं.”

घाटी के ऊपरी इलाकों में सर्दी के महीनों के दौरान बर्फीले तूफान आने का खतरा बढ़ जाता है. ना सिर्फ नागरिक बल्कि जवान भी कई बार इन बर्फीले तूफ़ानों की चपेट में आ जाते हैं. कश्मीर और लद्दाख में बीते एक महीने में चार बर्फीले तूफ़ानों में 10 जवान और सेना के 6 पोर्टर की जान जा चुकी है.

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