जम्मू-कश्मीर में सेना के शीर्ष अधिकारी शुक्रवार को राजौरी जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले कमांडो हवलदार माजिद हुसैन के पुंछ स्थित घर पर परिवार से मिले. साथ ही उनके प्रति आभार व्यक्त किया. बता दें कि पैराशूट रेजिमेंट की 9वीं बटालियन (विशेष बल) के हवलदार हुसैन को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है.
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाना हवलदार हुसैन की विशिष्ट बहादुरी का प्रतीक है. पुंछ, राजौरी और जम्मू-कश्मीर की पूरी आबादी साहसी कमांडो की ऋणी है. पुंछ के रहने वाले नायक हुसैन ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से एक कमांडो की सच्ची भावना का उदाहरण दिया है.
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सेना के प्रवक्ता ने कहा, पुंछ और राजौरी के चुनौतीपूर्ण इलाके में वह भारतीय सेना की उच्चतम परंपराओं में अद्वितीय साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए आतंक के खिलाफ साहसी युवक के रूप में खड़े रहे. शांति की खोज में उनका सर्वोच्च बलिदान पुंछ और राजौरी के लोगों के दिलों में गहराई से गूंजता है.
25 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी, उत्तरी कमान का प्रतिनिधित्व करने वाले जीओसी-इन-सी और जीओसी 16 कोर ने गहरा हवलदार हुसैन के परिवार को आभार व्यक्त किया.
सेना के प्रवक्ता ने आगे कहा, पुंछ के नायक के रूप में हवलदार माजिद हुसैन की विरासत निस्वार्थ और समर्पण का एक स्थायी प्रतीक बनकर जीवित है. उनकी कहानी उनके गृहनगर और देश भर के लोगों के दिलों में गूंजती रहेगी.