अनुच्छेद 35 ए को लेकर कश्मीर की सियासत में हड़कंप मचा हुआ है.नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों ने लोकसभा में अनुच्छेद 35 ए पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त भी मांगा है.
इस बीच, पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इसे जम्मू कश्मीर के लिए मुश्किल वक्त बताया है और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला से अपील की है कि वो राज्य के सभी पार्टियों की बैठक बुलाएं. महबूबा मुफ्ती की अपील पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सभी नेताओं को बुलाने से पहले केंद्र का रुख जान लेना जरूरी है.
Before calling senior leaders from other parties in J&K to discuss the current situation it’s important to try to understand from the Central Govt about their intentions for the state & also how they see the situation at the moment. This is what @JKNC_ is focused on. https://t.co/dDW8G5fMV8
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 29, 2019
असल में, कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश के बाद शक जताया जा रहा है कि सरकार कश्मीर में 35-ए खत्म करने की मंशा रखती है. एनसीपी के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य इस वक्त शांतिपूर्ण दौर से गुजर रहा था, सुरक्षा बलों को भेजे जाने के बाद लोगों में संशय पैदा हो गया है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आखिर आवाम के बीच डर क्यों पैदा किया जा रहा है? फारूक अब्दुल्ला धमकी भरे शब्दों में कहा कि यदि ये लोग धारा 35-A हटाते हैं कि तो उन्हें संविधान की हर धारा हटानी पड़ेगी. उन्हें 1947 के दौर में जाना पड़ेगा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में राजनीतिक दल किसी तरह का खौफ पैदा नहीं कर रहे हैं.