scorecardresearch
 

खुलासाः J-K में आतंकियों ने CRPF की वर्दी पहन किया था BSF टीम पर हमला

आतंकियों के पास स्नाइपर गन आ चुकी है जिसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक़ नाइट विजन डिवाइस वाली आधुनिक एम-4 स्नाइपर गन से लैस जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है.

Advertisement
X
घायल BSF जवान (फाइल फोटो-Reuters)
घायल BSF जवान (फाइल फोटो-Reuters)

Advertisement

जम्मू कश्मीर में बीएसएफ की पेट्रोलिंग पार्टी पर सोमवार को हुए आतंकी हमले में सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है. गृह मंत्रालय को दी गई रिपोर्ट में सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि सीआरपीएफ की वर्दी में आए आतंकवादियों ने पंथा चौक के समीप बीएसएफ की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया था.

सूत्रों ने बताया कि आतंकी लगातार सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए अलग-अलग तरीके की रणनीति का इस्तेमाल करने में जुटे हुए हैं. दरअसल कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट चल रहा है जिससे उनके हौसले पस्त हैं.

अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आतंकी सुरक्षाबलों पर इस तरीके से हमला कर रहे हैं. हाल ही में अलग-अलग संगठनों से जुड़े हुए आतंकी सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों पर कई बार हमला कर चुके हैं. खुफिया एजेंसियों ने आतंकियों द्वारा प्रयोग की जा रही स्नाइपर बंदूक को लेकर भी बड़े स्तर पर अलर्ट रहने के लिए कहा है.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के पास स्नाइपर गन आ चुकी है जिसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक़ नाइट विजन डिवाइस वाली आधुनिक एम-4 स्नाइपर गन से लैस जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों की मौजूदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है.

कश्मीर में सितंबर से सक्रिय हुए आतंकी स्नाइपर से अब तक कई जवानों को शहीद कर चुके हैं, जबकि कई घायल हैं. ऐसे में सुरक्षाबल इस समय इन आतंकी स्नाइपरों की चुनौती से निपटने के लिए रणनीति बना रहे हैं. ये स्नाइपर स्थानीय लोगों की मदद से पुलवामा और आसपास के जिलों में सक्रिय हैं. खुफिया एजेंसियों के अनुसार, कश्मीर में घुसे चार स्नाइपर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी दो तंजीमों से हो सकते हैं. उन्हें पाक ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने लक्ष्य दिया है कि वे सुरक्षाबलों पर हमले कर आतंकियों का मनोबल बढ़ाएं.

बता दें कि कश्मीर में स्नाइपर अटैक की पहली घटना 18 सितंबर को पुलवामा में हुई थी. इसमें एक सीआरपीएफ जवान गंभीर रूप से घायल हुआ था. इसके बाद त्राल में सशस्त्र सीमा बल का एक जवान शहीद हो गया था. स्नाइपर गन से आतंकियों ने एक सैनिक व नौगाम के सीआईएसएफ के जवान को भी शहीद कर दिया था.

छह सौ मीटर की दूरी से सटीक निशाना लगाने में सक्षम आतंकियों के पास मौजूद एम-4 स्नाइपर गन 500 से 600 मीटर की दूरी से सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. इस हथियार का इस्तेमाल अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ़ किया था. पाकिस्तान में इस हथियार का इस्तेमाल उनकी स्पेशल फोर्स भारतीय जवानों को निशाना बनाने के लिए करती है. सूत्रों के मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि ये हथियार तालिबान से मंगाए गए हैं.

Advertisement

Advertisement
Advertisement