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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का दुस्साहस, बेमिना में सिपाही पर बरसाईं गोलियां

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने कॉन्स्टेबल मोहम्मद हाफिज पर फायरिंग कर दी. उन्होंने बताया कि ये घटना बेमिना इलाके के हमदानिया कॉलोनी में हुई. हाफिज उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के करनाह के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में बेमिना में रहते हैं.

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बेमिना इलाके में आतंकियों ने सिपाही पर गोलियां बरसा दीं.
बेमिना इलाके में आतंकियों ने सिपाही पर गोलियां बरसा दीं.

जम्मू-कश्मीर के बेमिना इलाके के हमदानिया कॉलोनी में आतंकियों ने कॉन्स्टेबल पर गोलियां बरसा दीं. बताया जा रहा है कि घायल सिपाही को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने कॉन्स्टेबल मोहम्मद हाफिज पर फायरिंग कर दी. उन्होंने बताया कि ये घटना बेमिना इलाके के हमदानिया कॉलोनी में हुई. हाफिज उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के करनाह के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में बेमिना में रहते हैं.

कश्मीर जोन पुलिस के मुताबिक इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. हमला करने वालों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है. गोली सिपाही के पेट के दाहिनी ओऱ लगी है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. घायल सिपाही को जेवीसी अस्पताल बेमिना में रेफर किया गया है. 

इससे पहले श्रीनगर में अक्टूबर महीने के दौरान आतंकियों की गोली का शिकार बने पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी की गुरुवार को एम्स में मौत हो गई थी. इंस्पेक्टर मसरूर क्रिकेट खेलते समय लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी की गोली का शिकार हो गए थे. वो गंभीर रूप से घायल थे. उनका इलाज एम्स में चल रहा था. लेकिन मेडिकल टीम की लाख कोशिशों के बावजूद उनकी मौत हो गई. उनकी पत्नी गर्भवती हैं. उनका कहना है कि उनका बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया.

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इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी के पिता भी पुलिस में सब-इंस्पेक्टर रह चुके हैं. बीती 29 अक्टूबर को इंस्पेक्टर मसरूर ईदगाह मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे, तभी लश्कर के एक अकेले आतंकवादी ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. इस हमले में उनकी आंख, पेट और गर्दन में करीब से तीन गोलियां मारीं गई थीं. हमले के वक्त वहां कई युवक खेल रहे थे.

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