शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की जम्मू-कश्मीर इकाई ने आतंकवादी संगठन द्वारा जारी चेतावनी पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन TRF को चेतावनी दी है. शिवसेना (UBT) ने TRF को अपने नापाक और कायरतापूर्ण कृत्यों से बाज आने और किसी भी तरह का नुकसान होने पर गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी. कश्मीरी पंडित केंद्र सरकार से आतंक की फैक्ट्री पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करने की मांग कर रहे हैं.
इसके साथ ही सरकार से मांग की है कि वह अपने अड़ियल रवैये से बाहर आए और कश्मीर में काम करने वाले हिंदुओं को जम्मू संभाग में स्थानांतरित कर उन्हें मानसिक और आर्थिक राहत प्रदान करे. इस मामले में शिवसेना जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष मनीष साहनी के नेतृत्व में शिवसेना नेता जिला उधमपुर के मांड क्षेत्र में इकट्ठे हुए और आतंकवादी संगठन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
TRF को दी चेतावनी
साहनी ने TRF को हिंदुओं पर होने वाले वीभत्स हमलों से बाज आने और शिवसैनिकों को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर नहीं करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि आदरणीय बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक आज भी हिंदुओं की रक्षा के लिए जीवित हैं और मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं. इसके साथ ही साहनी ने यह भी मांग की कि जम्मू-कश्मीर सरकार अपना अड़ियल रवैया छोड़े और कश्मीर में काम करने वाले सभी हिंदुओं को तुरंत जम्मू संभाग में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करे और बिना किसी देरी के उनका वेतन जारी करे. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन लगातार हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं.
'हिंदुओं को दी जा रही जान से मारने की धमकी'
हिंदुओं को जान से मारने की खुली धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि भय और आतंक के इस माहौल में सरकार को हिंदुओं को बलि का बकरा बनाने का फैसला नहीं करना चाहिए. साहनी ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवादी समूह द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन आतंकवाद पर प्रतिबंध लगाने और इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने से काबू नहीं आ रहा है, इसके लिए आतंक की फैक्ट्री पाकिस्तान को कड़ा प्रहार करना होगा.
कश्मीरी पंडितों को दी हत्या की धमकी
बता दें कि घाटी में कश्मीरी पंडितों पर आतंकी हमले लगातार जारी हैं. केंद्र सरकार ने इसको ध्यान में रखते हुए जम्मू में सुरक्षाकर्मियों की तादात बढ़ा दी है. लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरफ को आतंकी संगठन घोषित किया है. इस बीच टीआरएफ ने कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों की एक नई सूची जारी की है. जिसके साथ आतंकी संगठन ने इनकी हत्या की धमकी भी दी. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं और पूरे मामले पर निगरानी रख रही है. साथ ही कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए.
सरकार ने लगाया बैन
गौरतलब है कि गुरुवार को ही गृह मंत्रालय ने TRF पर बैन लगाया था. टीआरएफ पर UAPA के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है. सरकार की ओर से आतंकी संगठन घोषित किया गया टीआरएफ साल 2019 में अस्तित्व में आया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक टीआरएफ युवाओं को ऑनलाइन भर्ती कर आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रहा है. गृह मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि सीमापार से घुसपैठ और हथियारों, ड्रग्स की तस्करी में भी टीआरएफ शामिल है.