जम्मू-कश्मीर में रमजान के पवित्र महीने में भी आतंकी वारदात थमने का नाम नहीं ले रही हैं. गुरुवार को घाटी के बांदीपुरा के पनार में आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया, जिसका सुरक्षा बलों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. इस मुठभेड़ में सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया.
इस दौरान सुरक्षा बल और आतंकियों के बीच जबर्दस्त गोलाबारी हुई, जिसमें सेना का एक जवान शहीद हो गया. फिलहाल इलाके में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी है. आतंकियों की तलाश की जा रही है.
वहीं, संदिग्ध आतंकियों द्वारा अगवा SOG जवान को रिहा करा लिया गया है. इससे पहले बुधवार को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी और उसकी बहन घायल हो गए थे. आतंकवादी पुलिसकर्मी के घर में घुस गए थे और लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थी.
बुधवार को पाकिस्तान की गोलीबारी में एक असिस्टेंट कमांडेंट समेत बीएसएफ के चार सुरक्षा कर्मी भी शहीद हुए थे, जबकि पांच सुरक्षा कर्मी घायल हो गए थे.
बुधवार को शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों में असिस्टेंट कमांडेंट जितेंद्र सिंह, सब इंस्पेक्टर रजनीश, एएसआई रामनिवास और कांस्टेबल हंसराज शामिल हैं. हाल के दिनों में घाटी में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर और आतंकी हमले की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है.
#Visuals Jammu & Kashmir: One army personnel dead and two terrorists killed during an ongoing operation in Bandipora's Panar forest area. (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/cYByGzFn6X
— ANI (@ANI) June 14, 2018
इसके चलते लगातार सुरक्षा कर्मी शहीद हो रहे हैं. भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए रमजान के महीने में सैन्य ऑपरेशन रोकने का फैसला लिया था, लेकिन आतंकी घटनाओं में कमी नहीं आई. इस दौरान सुरक्षा बलों पर 42 बार हमले किए. आतंकियों ने घाटी में अलग-अलग इलाकों में 19 ग्रेनेड अटैक किए, जो कि पिछले कई सालों में सबसे ज़्यादा हैं.
इस दौरान सुरक्षा बलों ने कश्मीर में तीन घुसपैठ की कोशिशों को भी नाकाम किया और 14 आतंकियों को मार गिराया. वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान द्वारा सीमा पर लगातार सीजफायर का उल्लंंघन किया गया. पाकिस्तान 29 मई से अब तक एलओसी पर 12 से ज़्यादा बार सीजफायर तोड़ चुका है.
अभी 29 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत भी हुई थी, जिसमें 2003 के संघर्ष विराम समझौते को पूरी तरह लागू करने पर सहमति बनी थी. लेकिन फिर भी पाकिस्तान नापाक हरकत कर रहा है और सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है.
साल 2010 से अब तक 354 गांवों से निकले 476 आतंकी
साल 2010 की गर्मियों से अब तक कश्मीर और चिनाब घाटी के 354 गांवों से 476 से ज्यादा आतंकी निकले हैं. इनमें से 335 सिर्फ दक्षिण कश्मीर के 247 गांवों से हैं. हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की आठ जुलाई, 2016 को सुरक्षा बलों द्वारा ढेर किए जाने के बाद आतंकियों की भर्ती में तेजी आई है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू के चिनाब घाटी के डोडा, किश्तवाड़, रियासी और रमबान के अलावा कश्मीर के हर जिले में स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती की गई है. इनमें सबसे शीर्ष पर दक्षिण कश्मीर का सोपियां जिला है, जहां साल 2010 से अब तक 70 गांवों में 95 स्थानीय युवा आतंकी बन गए हैं. सबसे ज्यादा सात युवा आतंकी इस जिले के हेफ जैनपोरा गांव से निकले हैं.