केंद्र के दबाव और बीजेपी की स्पष्ट चेतावनी के बाद आखिरकार मुफ्ती सरकार हरकत में आ ही गई. त्राल मार्च के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अलगाववादी नेता मसरत आलम, सैयद अली शाह गिलानी समेत छह अन्य को नजरबंद कर दिया है.
गौरतलब है कि बुधवार को श्रीनगर में गिलानी की रैली में मसरत आलम ने जेल से रिहा होते ही शिरकत की थी. इस रैली में मसरत ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे, जबकि पड़ोसी मुल्क का झंडा भी लहराया गया था. इसके बाद से ही प्रदेश सरकार पर मसरत पर कार्रवई के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
श्रीनगर की रैली के बाद गिलानी ने शुक्रवार को 'त्राल मार्च' का आह्वान किया है. इस रैली में मसरत आलम को भी शामिल होना था. जबकि मामले में बढ़ते विवाद को देखते हुए प्रदेश की पुलिस ने एहतियातन सैयद अली शाह गिलानी, मसरत आलम, मीरवाइज और शब्बीर शाह समेत छह अलगावादी नेताओं को नजरबंद कर दिया है. गिलानी और मसरत के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया है.
सुरक्षा एजेंसी ने जारी की चेतावनी
इस बीच सुरक्षा एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर खासकर श्रीनगर में अलगाववादियों को लेकर चेतावनी जारी की है. एजेंसी का कहना है कि अलगाववादी 2010 की तर्ज पर एक बार फिर पत्थरबाजी का प्लान बना सकते हैं. इसके साथ ही घाटी में भड़काऊ भाषणों का भी आयोजन किया जा सकता है. एजेंसी का कहना है कि अलगावादियों को सीमा पार से निर्देश मिल रहे हैं.
वकील करेंगे हड़ताल
मसरत आलम के देशद्रोही बयान के खिलाफ जम्मू बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को हाई कोर्ट और निचली अदालत में हड़ताल की घोषणा की है.