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J&K: सुरक्षा बलों के लिए कश्मीर में नया चैलेंज, छोटे पिस्टल से हमले की फिराक में हैं नए आतंकी मॉड्यूल

सूत्रों के मुताबिक, गजले स्क्वाड, फॉल्कन स्क्वाड और हिट स्क्वाड सुरक्षा बलों के लिए कश्मीर में बना बड़ा चैलेंज आने वाले दिनों में बन सकता है. ये आतंकी मॉड्यूल छोटे पिस्टल से हमले की फिराक में रहते हैं. ये स्क्वाड छिपकर टारगेटेड किलिंग को अंजाम दे सकते हैं.

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घाटी में तैनात सुरक्षाबल के जवान. -फाइल फोटो
घाटी में तैनात सुरक्षाबल के जवान. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस साल अब तक 125 आतंकी ढेर, इनमें 34 पाक आतंकी
  • इस साल 69 आतंकी विभिन्न संगठनों में भर्ती हुए हैं

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से आतंक के आका और उनके सरपरस्त इस समय बौखलाए हुए हैं. यही वजह है कि वे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए नए-नए पैतरें आजमा रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने आजतक को एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि बड़े आतंकी समूह जिसमें लश्कर-ए-तयैबा और जैश-ए-मोहम्मद शामिल हैं, ये झूठे नाम से आतंकी स्क्वाड बना कर सुरक्षा बलों और टारगेटेड किलिंग का बड़ा प्लान तैयार कर रहे हैं. एजेंसियों ने आतंकी संगठनों के इस प्लान को डिकोड किया है.

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सुरक्षा महकमे के टॉप सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि नए आतंकी मॉड्यूल के पास टर्किश मेड कॉनिक पिस्टल का एक बड़ा कंसाइनमेन्ट आ चुका है, जिसका इस्तेमाल ये आतंकी टारगेटेड किलिंग और सुरक्षा बलों पर हमले करने में कर सकते हैं. इन पिस्टलों को पाकिस्तान ड्रोन और दूसरे स्मगलिंग के तरीकों से जम्मू-कश्मीर में नए आतंकियों के मॉड्यूल तक भेजवा रहा है.

फॉल्कन स्क्वाड, गजले स्क्वाड और हिट स्क्वाड क्या है?

ये ऐसे स्थानीय युवक हैं, जिनका पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं है. ये स्थानीय युवक पिस्टल लेकर आते हैं और हमला करके फरार हो जाते हैं और सामान्य जीवन जीने लगते हैं. ऐसे में इनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है. इन्हीं दहशतगर्दों के नए मॉड्यूल को फॉल्कन स्क्वाड या गजले स्क्वाड कहा जा रहा है. ज्यादातर मामलों में यह आतंकी स्थानीय होते हैं. 

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सुरक्षा महकमे के सूत्र बताते हैं कि ये आतंकी कम उम्र (15 से 18) के होते हैं. इन आतंकियों को ऑनलाइन ही भर्ती किया जाता है. इन्हें ऑनलाइन ही ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद इन्हें हमला करने के लिए भेजा जाता है. ऐसे स्क्वाड 1-2 की संख्या में हमले को अंजाम देते हैं. हिट एंड रन की रणनीति पर काम कर रहे ये आतंकी स्क्वाड ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के साथ मिलकर काम करते है.

सूत्रों के मुताबिक, LeT का ही आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) और TRF का ही एक मॉड्यूल फाल्कन स्क्वाड है. सुरक्षा महकमे के बड़े सीनियर अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में सेलेक्टिव किलिंग के लिए LeT के बड़े आतंकी कमांडर नए युवाओं को रेडिक्लाइज कर, उनको छोटे-छोटे हथियार (टर्किश पिस्टल) देकर हमले करवाते हैं. 

उधर, खुफिया एजेंसियां युवाओं को बड़े आतंकियों के कमांडर से संपर्क में आने से रोकने का प्रयास कर रही हैं. खुफिया एजेंसियां इस समय भाड़े के आतंकियों पर भी नज़र रख रही हैं. ये वो आतंकी हैं, जिनका कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है, पर वारदात करके निकल जाते हैं. इन्हें Pseudo terrorist कहा भी कहा जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि ये आतंकी न तो सुरक्षा एजेंसियों की लिस्ट में है न ही इन आतंकियों की कोई ग्रेडिंग की गई है, पर ये आतंकी इतने खतरनाक है कि ये कभी भी किसी हमले को अंजाम दे सकते हैं.

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इस साल अब तक 125 आतंकी ढेर, इनमें 34 पाक आतंकी

सुरक्षा बलों की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अब तक 125 आतंकियों को जम्मू कश्मीर में अलग अलग ऑपरेशन में ढेर किया गया है जिसमे 34 आतंकी पाकिस्तानी हैं. वहीं अकेले जून माह के दौरान 34 आतंकी मारे गए हैं. ऑपरेशन ऑल आउट के तहत चलाये जा रहे इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों का इस समय अपर हैंड है, पर आतंकी संगठन अभी भी घुसपैठ और भोले-भाले युवाओं को रेडिक्लाइज कर रिक्रूट करने की फिराक में हैं.

सूत्रों के मुताबिक, इस साल 69 आतंकी विभिन्न संगठनों में भर्ती हुए हैं. 2021 में कुल 142 आतंकी भर्ती हुए थे. अभी J-K में 141 सक्रिय आतंकी हैं. इनमें 59 लोकल और 82 विदेशी आतंकी हैं.

आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने चलाया है ताबड़तोड़ एक्शन

सूत्रों के मुताबिक, इसमे सबसे ज्यादा आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के हैं, बाकी जैश और हिजबुल मुजाहिदीन के हैं. पिछले कुछ दिनों की अगर बात करे तो सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ ताबड़तोड़ ऑपरेशन किया है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने एक दर्जन से ज्यादा टेरर कैम्प्स को दोबारा सक्रिय किया है.

आजतक के हाथ जो खुफिया जानकारी लगी है, उसके मुताबिक लश्कर, जैश और अफगानी आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आर्मी ने ट्रेंड कर उरी के पास मौजूद आधा दर्जन लॉन्चिंग पैड पर इकट्ठा किया है. यहां से आतंकियों को पहाड़ी रास्तों के जरिए कश्मीर घाटी में भेजने की तैयारी है.

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