जम्मू कश्मीर की 12वीं विधानसभा के लिए मंगलवार को निर्वाचित विधायकों ने शपथ ली. बीजेपी के नौशेरा से विधायक रविंद्र रैना के शपथ लेने के तरीके से विवाद खड़ा हो गया है. शपथ लेने के लिए वह स्पीकर के पास आए और उन्होंने माता वैष्णो देवी के नाम पर शपथ ली. उनके इस तरह से शपथ लेने पर सीपीआईएम के विधायक एमवाई त्रिगामी ने आपत्ति जताई.
उनका कहना था कि विधायकों को जो शपथ लेने के लिए फॉर्मेट दिया गया है उसमें लिखा गया है कि मैं ईश्वर के नाम पर शपथ लेता हूं कि, इसमें कहीं भी माता वैष्णो देवी का जिक्र नहीं किया गया है. कांग्रेस समेत नेशनल कांफ्रेंस ने भी इस मुद्दे पर त्रिगामी का समर्थन किया और इस तरह से शपथ लेने को गलत करार दिया. बाद में उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह की ओर से समझाने के बाद रैना ने बाद में ईश्वर के नाम पर शपथ ली.
विधानसभा परिसर में आयोजित समारोह में सदन के अस्थायी अध्यक्ष मुहम्मद शफी ने उन्हें शपथ दिलाई. नेशनल कांफ्रेंस के नेता शफी को राज्यपाल पूर्व में ही विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में शपथ दिला चुके थे. शपथ लेने वाले प्रमुख विधायकों में मुफ्ती एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ-साथ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल रहे. दो विधायकों- लाल सिंह और पवन गुप्ता ने डोगरी में शपथ ली.
विधानसभा के सचिव मुहम्मद रमजान ने बताया, 'विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मंगलवार से शुरू होता है. आज से ही विधायकों को वेतन, भत्ते, सुविधाएं एवं विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक 1.5 करोड़ रुपये का अनुदान मिलना शुरू हो जाएगा.'
जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में 87 निर्वाचित और दो मनोनीत सदस्य हैं, जो महिलाएं हैं. राज्य विधानसभा में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से दो महिलाओं का मनोनयन विधायक के रूप में किया गया है.