जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के आदेश पर शीर्ष अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर बीजेपी ने आंखें तरेरते हुए कहा है कि इससे सत्ताधारी गठबंधन को 'खतरा' पैदा हो सकता है. वहीं, सुरक्षा बलों ने भी इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे जम्मू-कश्मीर की शांति खतरे में पड़ सकती है.
प्रदेश बीजेपी की युवा शाखा के प्रमुख और नौशेरा से पार्टी के विधायक रविंद्र रैना ने कहा, 'मसरत आलम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है क्योंकि वह कोई राजनीतिक कैदी नहीं बल्कि एक आतंकवादी है. बीजेपी उसकी रिहाई कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. अगर ऐसे राष्ट्रद्रोही, पाकिस्तान समर्थक नेताओं को रिहा किया जाता है तो गठबंधन सरकार चलाना काफी मुश्किल होगा.' उन्होंने कहा, 'यह गठबंधन खतरे में पड़ेगा क्योंकि हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.' हम भारत विरोधी नेता की रिहाई का विरोध करेंगे.' रैना ने कहा कि राष्ट्रद्रोही नेताओं की रिहाई उस न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का उल्लंघन है जिसपर गठबंधन सरकार बनाने को लेकर सहमति बनी थी.
आलम की रिहाई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'बड़ा खतरा' बताते हुए रैना ने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ सकता है. उन्होंने कहा, 'आलम आतंकवादियों से भी ज्यादा खतरनाक है. बीजेपी इसका विरोध करेगी और हम इस मुद्दे पर निश्चित तौर पर केंद्र सरकार से बातचीत करेंगे.'
आलम की रिहाई सुरक्षा के लिए खतरा: सुरक्षा बल
सुरक्षा बलों ने भी आलम की रिहाई से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को खतरा बताया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'यह सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होगा. जम्मू-कश्मीर, खासकर
कश्मीर घाटी, की शांति के लिए यह बड़ा जोखिम होगा जहां आलम ने पत्थरबाजी से लैस दो बड़े प्रदर्शन कराए और जिसमें कई लोगों की जानें गईं.' अधिकारी ने कहा कि वह सैयद अली
शाह गिलानी से भी ज्यादा ताकतवर नेता है और उसके पास पत्थरबाजों और युवाओं की बड़ी फौज है.
भाषा से इनपुट