इन शहीदों की याद में 14 फरवरी को लेथपोरा कैंप में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) की ओर से एक आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी. हालांकि, यह कार्यक्रम बड़े स्तर पर न होकर बेहद सामान्य ढंग से होगा.
पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा जिले में जम्मू-श्रीनगर हाईवे से सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था, उसी दौरान आदिल अहमद डार नाम के आतंकी ने काफिले को निशाना बनाते हुए धमाका कर दिया था. इस हमले के बाद भारत के लिए किसी सदमे से कम नहीं था. हमले के बाद शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए नेताओं का तांता लग गया था.
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एक साल बाद सीआरपीएफ नॉर्थ जोन के स्पेशल डीजी जुल्फिकार हसन कुछ अन्य आला अधिकारियों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. यह समारोह सीआरपीएफ की 185 बटालियन में आयोजित किया जाएगा, जिसे जल्द ही सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर में बदल दिया जाएगा.
हमले की वास्तविक जगह से बटालियन दो किलोमीटर दूर है. सूत्रों ने कहा कि इस समारोह में शहीदों के परिवार को नहीं बुलाया गया है क्योंकि यह माना जा रहा है कि उनके परिवार के लोग अपने यहां निजी "समारोह" आयोजित करेंगे.
भारत ने की थी एयर स्ट्राइक
इस साल भारत की ओर से 2019 में की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ होगी. 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने सीमा पार ऑपरेशन लॉन्च किया था, जिसमें पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट शहर के आसपास के इलाकों में जैश के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया था. अभी तक इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि 14 फरवरी या 26 फरवरी में से सरकार किसी दिन कोई समारोह आयोजित करने जा रही है या नहीं.
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नहीं मनाई गई सर्जिकल स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 सितंबर, 2018 को एलओसी के पार भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर सैन्य स्टेशन जोधपुर में 'पराक्रम पर्व प्रदर्शनी' का उद्घाटन किया था. यह 18 सितंबर, 2016 को उड़ी में सेना के शिविर पर हमला करने के बाद 28 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ भारत की पहली सर्जिकल स्ट्राइक थी. हालांकि सरकार ने "सर्जिकल स्ट्राइक" की भी पहली वर्षगांठ नहीं मनाई थी.