जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर पुनर्गठन के बाद यह पहला मौका है, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 13 ठिकानों पर छापे मारे हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए जम्मू और कश्मीर अब सीबीआई के अधिकार क्षेत्र में है.
CBI जिन अधिकारियों के रिहायशी और अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रही है, उनके नाम हैं- राजीव रंजन DC कुपवाड़ा (पूर्व), यशा मुदगल DM बारामुला उधमपुर (पूर्व), इतरत हुसैन DM कुपवाड़ा (पूर्व), सलीम मोहम्मद, DM किश्तवाड़(पूर्व), मोहम्मद जावेद खान, DM किश्तवाड़ (पूर्व), एस सी भगत, DM राजौरी (पूर्व), फारूक अमहद खान, DM डोडा (पूर्व) और जहांगीर अहमद मीर, DM पुलवामा (पूर्व).
सीबीआई का पहला बड़ा ऑपरेशन
जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और इस पूर्व राज्य को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद सीबीआई का ये पहला बड़ा ऑपरेशन है. सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने कथित तौर पर रिश्वत लेकर जम्मू और कश्मीर से बाहर के लोगों को हथियारों के लाइसेंस जारी किए.
2010 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव रंजन अब मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, जम्मू में कार्यरत हैं. वहीं 2007 बैच की आईएएस यशा मुद्गल की तैनाती अब जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन, जम्मू में है. सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान सीबीआई ने कई अहम सबूत बरामद किए हैं, इसमें मामले से जुड़े दस्तावेज भी शामिल हैं.
इन शहरों में हुई छापेमारी
यह छापेमारी कुपवाड़ा, बारामुला, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडा, पुलवामा आदि के तत्कालीन जिला अधिकारियों (DC/ DM) के ठिकानों पर की जा रही है. श्रीनगर और जम्मू के अलावा गुरुग्राम और नोएडा में भी यह कार्रवाई चल रही है.
सूत्रों ने बताया कि जम्मू और कश्मीर के विभिन्न जिलों में तैनात रहे तत्कालीन DC/ DM की ओर से जारी किए गए 2 लाख हथियारों के संबंध में ये छापेमारी की जा रही है. CBI के मुताबिक, ‘ये भी आरोप है कि तब के पब्लिक सर्वेंट्स ने नियमों का उल्लंघन करते हुए जम्मू और कश्मीर के बाहर के लोगों को कथित तौर पर घूस लेकर लाइसेंस जारी करने की साजिश रची.’