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सरबजीत से पहले मारे गए थे चमेल सिंह, मुआवजा अब तक नहीं मिला

जम्मू के चमेल सिंह का परिवार इस इंतजार में बैठा है कि उन्हें सरबजीत सिंह के परिवार की तरह मुआवजा कब मिलेगा. सरबजीत सिंह और चमेल सिंह दोनों दो साल पहले लाहौर की कोट लखपत जेल जेल में कैदियों के हाथों मारे गए थे.

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Symbolic Image
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जम्मू के चमेल सिंह का परिवार इस इंतजार में बैठा है कि उन्हें सरबजीत सिंह के परिवार की तरह मुआवजा कब मिलेगा. सरबजीत सिंह और चमेल सिंह दोनों दो साल पहले लाहौर की कोट लखपत जेल जेल में कैदियों के हाथों मारे गए थे.

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सरबजीत के परिवार को मिला मुआवजा
पंजाब और तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने सरबजीत सिंह के परिवार को एक करोड़ 25 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए थे और पंजाब सरकार ने सरबजीत को शहीद का दर्जा दिया था। नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तब कड़े हाथों लेते हुए कहा था की अगर चमेल सिंह के मामले में सरकार चूक नहीं करती तो सरबजीत सिंह की हतया नहीं होती। पंजाब सरकार ने सरबजीत सिंह को शहीद का दर्जा दिया था और बीजेपी -अकाली सरकार ने सरबजीत सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये भी दिए थे.

आश्वसन भूल गई बीजेपी
जम्मू कश्मीर के बीजेपी के नेताओं ने चमेल सिंह के परिवार वालों को आश्वासन दिया था की जब भी केंद्र एनडीए और जम्मू कश्मीर में बीजेपी की सरकार बनेगी तो चमेल के परिवार को भी सरबजीत के परिवार की तरह फायदे दिए जाएंगे, लेकिन चमेल का परिवार बीजेपी से ठगा जैसा दिखता है.

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बेटे का सरकार पर आरोप
चमेल सिंह के बेटे दीपक सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया है की सरबजीत सिंह और उनका पिता चमेल सिंह एक ही देश के रहने वाले है और दोनों देश के काम के लिए पाकिस्तान के लिए गए थे। दोनों को पाकिस्तान वालों ने वहां गिरफ्तार कर लिया और दोनों को लाहौर जेल में कत्ल कर दिया। चमेल सिंह को जनवरी 2013 और सरबजीत को चार महीने बाद मई, 2013 में मार दिया गया था. लेकिन जब मुआवजे की बात आई तो सरबजीत सिंह के परिवार को एक करोड़ 25 लाख रुपए दिए गये और उनकी दोनों बेटियों को पंजाब सरकार ने सरकारी नौकरी दी। लेकिन चमेल सिंह के मामले में केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार ने चुप्पी साध रखी है.

मोदी से मिलने की थी आस
जम्मू कश्मीर बीजेपी नेताओं का कहना है की उनकी पार्टी लगातार केंद्र के संपर्क में है और उनकी पूरी कोशिश है कि चमेल के परिवार को न्याय मिले. इस परिवार को उम्मीद थी की प्रधानमंत्री मोदी 17 जुलाई को जब जम्मू आएंगे तो वह अपना दुखड़ा उन्हें सुनाएंगे लेकिन प्रधानमंत्री का कार्यक्रम रद्द होने से उनका परिवार बहुत परेशान है.

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