जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को विधानसभा को संबोधित किया. संबोधन के दौरान अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में बजट की कमी का हवाला देते कई काम करने में फिलहाल असमर्थता जताई.
विधानसभा में बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा,'मेरा बजट यथार्थवादी था. हमारे पास चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं. पुलिस मेरे नियंत्रण में नहीं है. जम्मू-कश्मीर को 24 घंटे बिजली नहीं दी जा सकती. हमें कटौती का सहारा लेना पड़ता है.'
विधायकों के वेतन को लेकर क्या बोले अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में विधायकों की सैलरी को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा,'विधायकों का वेतन बढ़ाने के लिए हमारे पास पर्याप्त पैसा नहीं है. विधायकों को रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए सीमित ईंधन उपलब्ध कराना पड़ता है. हमारी सीमाएं हैं. एक कहावत है कि कपड़े के हिसाब से कोट काटना चाहिए. हमारे पास सीमित पैसे हैं. हमने हर चीज को समायोजित करने की पूरी कोशिश की है.'
'एक बजट में सभी वादे पूरे नहीं कर सकते'
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा,'हमने आम लोगों पर बोझ कम करने की पूरी कोशिश की है. हम जानते हैं कि हमने लोगों से क्या वादा किया है. हम अपने सभी वादे पूरे करेंगे. लेकिन हम एक बजट में अपने सभी वादे पूरे नहीं कर सकते. हमने नींव रख दी है. सभी वादे पूरे किए जाएंगे.'
200 यूनिट फ्री बिजली देने का भी किया था ऐलान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले उमर अब्दुल्ला ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई बड़े ऐलान किए थे. अपनी घोषणा में अब्दुल्ला ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का वादा किया था. इसके अलावा 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने, प्रत्येक घर को मुफ्त पेयजल देने, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्वायत्तता बहाल करने, राज्य के लिए एक व्यापक स्वास्थ्य नीति बनाने, कैंसर, हृदय और किडनी प्रत्यारोपण जैसी गंभीर बीमारियों के लिए एक मेडिकल ट्रस्ट का गठन करने, अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल बनाने, प्रत्येक गांव और मोहल्ले में बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल और आपातकालीन सेवाओं के लिए क्लिनिक स्थापित करने, जम्मू-कश्मीर के सभी उप-जिला अस्पतालों में डायलिसिस सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया था.