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उमर को संदेह, लद्दाख में कहीं अपने ही इलाके से तो पीछे नहीं हटी भारतीय सेना?

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र से चीनी सेना के हटने के बाद केंद्र को लद्दाख में जमीनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

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जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र से चीनी सेना के हटने के बाद केंद्र को लद्दाख में जमीनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

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उमर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘भारत सरकार से, खासकर रक्षा मंत्रालय से कुछ स्पष्टता वांछनीय है, जिससे कि हम सही सही जान सकें कि जमीनी स्थिति क्या है. लेकिन चीनियों के पीछे हटने संबंधी तथ्य का हम स्वागत करते हैं.’ गतिरोध बिन्दु दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र से रविवार को भारत और चीन के सैनिकों के पीछे हट जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की बात तो समझ में आती है, लेकिन वह यह बात नहीं समझ पा रहे कि भारतीय सैनिक क्षेत्र में कहां से हटे हैं.

उन्होंने कहा, ‘दिमाग में केवल यही एक संदेह है कि मीडिया की खबरों में कहा गया कि दोनों पक्ष पीछे हटे. भारत और चीन पीछे हटे. मैं इसे लेकर विस्मित हूं कि भारत कहां से हटा और भारत को कहां से हटना था क्योंकि यह हमारा क्षेत्र है, यह वास्तविक नियंत्रण रेखा का हमारा क्षेत्र है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा का नियमिति उल्लंघन करते रहे हैं, लेकिन यह लंबे समय बाद हुआ कि चीनियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारतीय क्षेत्र में तंबू लगा दिए.

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए कूटनीतिक कदमों से हमें वांछित परिणाम मिले और चीनी सैनिक पीछे हट गए.’ उमर ने कहा कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की नौ मई को प्रस्तावित चीन यात्रा पर इस गतिरोध के चलते संदेह व्यक्त किया जाने लगा था. उन्होंने कहा कि अब यात्रा से उम्मीद है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘स्पष्ट तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों की मौजूदगी से हमारे विदेश मंत्री की चीन यात्रा पर सवाल खड़ा हो गया था. अब उम्मीद की जा सकती है कि यह यात्रा आगे तक जाएगी और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे.’ लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर (डीबीओ) में चीन और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध रविवार को उस समय समाप्त हो गया जब दोनों देशों के सैनिकों ने क्रमश: घुसपैठ से पूर्व के अपने ठिकानों में लौटने का फैसला किया.

यह सफलता गहन चर्चा और दोनों सेनाओं के कमांडरों के बीच हुई चार फ्लैग मीटिंगों के बाद मिली. यह फैसला किया गया कि दोनों ओर के सैनिक समानांतर रूप से पीछे हटेंगे. इसके बाद रविवार शाम साढ़े सात बजे तक प्रक्रिया शुरू हो गई.

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चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 50 सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 19 किलोमीटर भीतर घुस आए थे और 15-16 अप्रैल की रात में वहां तंबू लगाकर चौकी बना ली थी.

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