जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही ऐतिहासिक बता रहे हों. लेकिन इन
सब के बीच राज्य में बीजेपी-पीडीपी के मतभेद शुरुआती दिनों में ही सामने आने लगे हैं. राजनीतिक कैदियों की रिहाई
पर मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की टिप्पणी की बीजेपी ने निंदा करते हुए कहा कि विवादित मुद्दों को उठाने की
बजाए मुख्यमंत्री न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर ध्यान दें तो बेहतर होगा.
बीजेपी विधायक रवींद्र रैना ने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर ध्यान दें. बीजेपी ऐसे किसी भी अध्यादेश का विरोध करेगी, जिसमें अलगाववादियों और आतंकियों को राहत देने की बात होगी.
मुफ्ती मोहम्मद सईद ने अलगाववादियों और आतंकियों को राहत देने की वकालत की थी. मुफ्ती ने कहा था कि जम्मू कश्मीर सरकार जल्द ही राजनैतिक कैदियों को राहत देने के लिए अध्यादेश लाएगी. इस अध्यादेश के जरिए अलगाववादियों और आतंकियों को राहत देने की कोशिश की जाएगी. बीजेपी ने कहा कि सरकार के ऐसे किसी भी अध्यादेश का बीजेपी विरोध करेगी.
याद रहे कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन में सरकार बनी है. एक मार्च को मुफ्ती ने सूबे के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. शपथ लेते ही मुफ्ती ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि चुनाव के लिए माहौल बनाने में आतंकियों और पाकिस्तान का योगदान रहा.