scorecardresearch
 

कश्मीर के बारामूला में CRPF की बस से टकराई कार, 4 जवान जख्मी

शनिवार दोपहर जम्मू कश्मीर के बारामूला में CRPF की बस सामने से आ रही एक टाटा सूमो से टकरा गई. इस हादसे में 4 जवान समेत 9 लोग घायल  हो गए. घायलों को पास के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Advertisement
X
 केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल

Advertisement

जम्मू कश्मीर के बारामूला में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की गाड़ी में टाटा सूमो के टकराने से 4 जवान समेत 9 लोग घायल हो गए. शनिवार को हुए इस हादसे में घायल हुए लोगों को बारामूला के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दरअसल, बारामूला की वीरवान कॉलोनी में CRPF की गाड़ी की सामने से आ रही एक टाटा सूमो से टक्कर हो गई. सूमो कार से टकराने के बाद सीआरपीएफ की बस पलट गई और उसमें सवार चार जवान घायल हो गए. वहीं सूमों में सवार 5 लोगों को भी चोट आई. इस हादसे में 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

घायल लोगों की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह दुर्घटना पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के एक काफिले पर एक आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के आठ दिनों बाद हुई है. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरी घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक सैन्य अधिकारियों की छुट्टियों को भी रद्द कर दिया गया है. वहीं, 10 हजार जवानों की तैनाती भी कर दी गई है. हालांकि, सेना की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है. यह सब घाटी से आतंक के खात्मे और किसी भी बड़े हमले को समय रहते रोकने के उद्देश्य से किया गया है.

Advertisement

बीती रात, जम्मू कश्मीर की पुलिस ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर पर कार्रवाई की और संगठन के प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज सहित 24 सदस्यों को हिरासत में लिया. गिरफ्तार लोगों में  डॉ. अब्दुल हमीद फैयाज और वकील जाहिद अली भा शामिल हैं. अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत से संबद्ध संगठन पर यह पहली बड़ी कार्रवाई है. इस कार्रवाई के बाद संगठन ने बयान जारी कर पुलिस द्वारा अपने सदस्यों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की.

संगठन ने कहा, ‘यह कदम इस क्षेत्र में और अनिश्चितता का राह प्रशस्त करने के लिए भली-भांति रची गई साजिश है.’ जमात ने दावा किया 22 और 23 फरवरी की दरम्यानी रात में पुलिस और अन्य एजेंसियों ने एक व्यापक गिरफ्तारी अभियान चलाया और अनंतनाग, पहलगाम, दिआलगाम, त्राल समेत कई घरों पर छापेमारी की. जिसके बाद पुलिस ने संगठन के सदस्यों को हिरासत में लिया. इससे पहले जेकेएलएफ प्रमुख यासिन मलिक को भी जम्मू कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया था.

इन नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद घाटी में सरकार के इस कदम के खिलाफ भी आवाज उठने लगे हैं. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने छापेमारी की वैधता पर शनिवार को सवाल उठाते हुये कहा कि मनमाने कदम से राज्य में मामला जटिल ही होगा. महबूबा ने ट्वीट किया, 'पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगटन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. इस तरह की मनमानी कार्रवाई को समझ नहीं पा रही हूं, इससे जम्मू कश्मीर में केवल हालात जटिल ही होंगे. किस कानूनी आधार पर उनकी गिरफ्तारी न्यायोचित ठहराई जा सकती है? आप एक व्यक्ति को हिरासत में रख सकते हैं लेकिन उनके विचारों को नहीं.'

Advertisement

वहीं, उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूख ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लेने और जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के नेताओं पर छापेमारी की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘जमात-ए-इस्लामी नेतृत्व और इसके कार्यकर्ताओं पर रात में हुई कार्रवाई और यासिन मलिक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं. कश्मीरियों के खिलाफ इस तरह के गैरकानूनी और कठोर उपाय निरर्थक हैं और जमीन पर वास्तविकताएं नहीं बदलेंगी. बल प्रयोग और डराने से स्थिति केवल खराब होगी.'

Advertisement
Advertisement