हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति अभी भी बनी हुई है. भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या 30 हो गई है, जबकि 300 से ज्यादा घायल हैं. केंद्र ने हालात की समीक्षा करने के बाद श्रीनगर में सीआरपीएफ की 8 और कंपनियां भेजने का फैसला किया है. अब तक घाटी में 20 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं. तनाव के बाद श्रीनगर में 11 जगहों पर कर्फ्यू है.
घर लौट रहे यात्री
इस बीच अमरनाथ यात्रा पर गए तीर्थयात्रियों ने वापस अपने घर लौटना शुरू कर दिया है. राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अमरनाथ यात्री जम्मू से बालटाल और पहलगाम नहीं जा सकेंगे. कड़ी सुरक्षा के बीच बालटाल और अन्य स्थानों पर फंसे हुए अमरनाथ यात्रियों को जम्मू क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है.
जम्मू में 8-10 हजार यात्री फंसे
जम्मू के IG दानेश राना ने कहा, 'हम जम्मू से बालटाल और पहलगाम मार्गों के लिए अमरनाथ यात्रा की अनुमति देकर जोखिम नहीं ले सकते.' उन्होंने कहा कि जैसे ही घाटी में हालात सुधरेंगे हम यात्रा को जम्मू बेस कैंप से शुरू करने की अनुमति देंगे. उन्होंने कहा कि 8 से 10 हजार अमरनाथ तीर्थयात्री जम्मू में ही फंसे हुए हैं.
All Baba Amarnath Yatra pilgrims from MP are safe. Officials concerned have been asked to constantly monitor situation in J&K: MP CM
— ANI (@ANI_news) July 11, 2016
देखें- घाटी में हिंसा के चलते अमरनाथ यात्री बेहाल
इससे पहले रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य के हालातों पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में गृह सचिव, संयुक्त सचिव (कश्मीर डिवीजन), आईबी चीफ और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए.
वहीं राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कैबिनेट की बैठक बुलाई और हालातों की समीक्षा की. गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी उनकी फोन पर बात हुई.