कश्मीर घाटी के अलगाववादी नेता मसरत आलम पर एक पूर्व एसएसपी ने चौंकाने वाला दावा किया है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व एसएसपी आशिक हुसैन बुखारी ने दावा किया है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने उनसे फोन पर कहा था कि मसरत को मारा क्यों नहीं, वह जिंदा रहने के काबिल नहीं था.
गौरतलब है कि मसरत आलम की रिहाई से जम्मू-कश्मीर की सियासत और देश की राजनीति में बवाल खड़ा हो गया है. राजनीतिक पार्टियों के साथ केंद्र सरकार ने भी अलगाववादी नेता की रिहाई पर सवाल खड़े किए हैं. उधर, राज्य की सरकार पर अलगाववादी नेताओं के साथ नरमी से पेश आने का आरोप लगाया जा रहा है.
इस बीच श्रीनगर जिला के पूर्व एसएसपी आशिक हुसैन बुखारी ने दावा किया है कि मसरत आलम को गिरफ्तार करने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फोन पर कहा था कि 'मसरत आलम को मारा क्यों नहीं, वह जिंदा रहने के काबिल नहीं था'.
हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस आरोप को निंदनीय करार देते हुए खारिज कर दिया है. उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने पूर्व एसएसपी बुखारी के राजनीतिक संबंधों की दुहाई देते हुए कहा कि सभी को पता है कि पूर्व पुलिस अधिकारी पीडीपी से गहरी सहानुभूति रखते हैं और अक्सर पीडीपी की रैलियों और बैठकों में नजर आते हैं.