कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए गए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा श्रीनगर पहुंच गए हैं. यहां वो हितधारकों से मुलाकात करेंगे. बता दें कि उनके दौरे से पहले ही हुर्रियत नेताओं का कहा था कि वह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे.
Srinagar: Centre's Special representative for talks on Kashmir Dineshwar Sharma reaches Hari Niwas, will meet stakeholders. pic.twitter.com/hvvpXkjUVO
— ANI (@ANI) November 6, 2017
अधिकारियों ने बताया कि दिनेश्वर शर्मा कश्मीर घाटी में तीन दिन बिताएंगे और दो दिन जम्मू में बिताएंगे. यहां वह राज्यपाल एन एन वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत करेंगे. श्रीनगर में उनके विभिन्न नेताओं, छात्र समूहों और युवाओं से मुलाकात करने की संभावना है.
दिनेश्वर शर्मा ने कहा कि वह ऑनलाइन उपलब्ध गलत नारेबाजी और प्रोपेगैंडा पर बात करेंगे. वो यह सुनिश्चित करेंगे कि युवा और छात्र शांति प्रक्रिया का हिस्सा बनें.
मेरा आकलन मेरे काम से किया जाए- दिनेश्वर शर्मा
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास कोई जादुई छड़ी नहीं है लेकिन मेरी कोशिशों का ईमानदारी से आकलन करना चाहिए ना कि अतीत के चश्मे से. उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि मेरा आकलन मेरे काम से किया जाए.’’ मूल रूप से बिहार के रहने वाले और वर्ष 1979 बैच के केरल काडर के आईपीएस अधिकारी शर्मा वर्ष 2014 से 2016 तक पुलिस बल में देश के शीर्ष पद पर रहे.
हुर्रियत नेता ने मुलाकात करने से किया इनकार
हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के गुट का दावा है कि राज्य सरकार के अधिकारी ने दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात के लिए संपर्क साधा था, लेकिन वह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे.
एजेंसी की खबर के मुताबिक, हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘‘राज्य के एक प्रतिनिधि ने चार और पांच नवंबर की दरम्यानी रात हुर्रियत अध्यक्ष से मिलने की इच्छा जताई ताकि उनकी बैठक नामित वार्ताकार से कराई जा सके.’’
उन्होंने कहा कि हुर्रियत के मुताबिक ‘‘जबरन कराई जा रही बातचीत ’’ को राजनीतिक या नैतिक आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता . प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम वार्ता की पेशकश खारिज करते हैं......यह महज बयानबाजी और वक्त की बर्बादी है और हुर्रियत या संगठन का कोई भी धड़ा नामित वार्ताकार से न तो मिलेगा और न ही इस बेकार की कवायद में हिस्सा लेगा.’’
नहीं है कोई जादुई छड़ी
अपनी कश्मीर यात्रा से पहले दिनेश्वर शर्मा ने कहा था कि उनके पास कोई ऐसी छड़ी नहीं है, जिसके घुमाते ही शांति कायम हो जाएगी. मेरे प्रयासों को अतीत के चश्मे से नहीं, बल्कि गंभीरता के साथ परखना होगा. खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में कई पक्षों के साथ बातचीत की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं अपना कामों से परखा जाना चाहूंगा. अपने काम को ‘गंभीर प्रयास’ करार देते हुए शर्मा ने कहा कि हवा में तीर चलाने से बचना चाहिए.