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फारूक अब्दुल्ला पर ED का एक्शन, क्रिकेट घोटाला केस में 12 करोड़ की संपत्ति जब्त

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला बहुत पुराना है. ऐसे आरोप हैं कि इसमें से करीब 43.69 करोड़ रुपये का गबन किया गया और इस पैसे को खिलाड़ियों पर भी खर्च नहीं किया गया. अब ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति सीज कर दी है.

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पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की 12 करोड़ की संपत्ति सीज (फाइल-पीटीआई)
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की 12 करोड़ की संपत्ति सीज (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अब्दुल्ला का 3 घर, 2 प्लॉट और एक प्रॉपर्टी अटैच
  • पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर जा चुके हैं अब्दुल्ला
  • JKCA में 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति सीज कर दी है. ईडी की ओर से जेके क्रिकेट एसोसिएशन के फंड घोटाले में फारूक अब्दुल्ला से संबंधित 3 घर, 2 प्लॉट और 1 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी अटैच की गई है. इसकी कीमत बाजार में करीब 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की जेके क्रिकेट एसोसिएशन के फंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जो संपत्ति सीज की गई है, उसमें एक प्रॉपर्टी श्रीनगर के गुपकार रोड पर स्थित है. जबकि तनमार्ग के कटीपोरा तहसील और जम्मू के भाटिंडी में एक-एक प्रॉपर्टी शामिल है. इसके अलावा श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड क्षेत्र में एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी भी है. कुल कीमत 11.86 करोड़ रुपये की बताई जा रही है.

ईडी की ओर से कहा गया है कि जांच एजेंसी ने फारूक अब्दुल्ला की कुल छह संपत्तियों को अटैच किया है जिसमें 3 आवासीय घर, एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी, और दो भूखंड शामिल हैं. यह कार्रवाई जेके क्रिकेट घोटाले से संबंध में की गई है.

उमर अब्दुल्ला ने साधा निशाना

फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति अटैच किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जो प्रॉपर्टी अटैच की गई है उसमें से ज्यादातर 1970 के दशक से ही पैतृक संपत्ति है और इनमें से सबसे नई संपत्ति का निर्माण 2003 में हुआ. ऐसे में जब्ती का कोई औचित्य नहीं हो सकता है क्योंकि वे जांच के दौरान "अपराध" की कार्रवाई को साबित करने में नाकाम रहे हैं.

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जांच एजेंसी ईडी का दावा है कि जांच से यह पता चला कि 2005-06 से दिसंबर 2011 की अवधि के दौरान, JKCA को BCCI से 109.78 करोड़ रुपये की राशि हासिल हुई. ईडी का कहना है कि 2006 से जनवरी 2012 के बीच जब डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला जेकेसीए के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और जेकेसीए में पदाधिकारियों की अवैध नियुक्तियां कीं. जिसकी वजह से उन्हें जेकेसीए फंड की लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से वित्तीय अधिकार मिले थे. जांच से यह भी पता चला कि फारूक अब्दुल्ला जेकेसीए के फंड के लाभार्थी भी थे.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के फंड में हुए कथित हेराफेरी के मामले में अक्टूबर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर गए थे. ईडी की ओर से पूछताछ के लिए नोटिस जारी होने के बाद फारूक दफ्तर गए. हालांकि ईडी के नोटिस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि ये आवाज दबाने की कोशिश है.

113 करोड़ की हेराफेरी  

हेराफेरी के मामले में ईडी इससे पहले भी 6 घंटे तक फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ कर चुकी थी. जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला बहुत पुराना है. ऐसे आरोप हैं कि इसमें से करीब 43.69 करोड़ रुपये का गबन किया गया और इस पैसे को खिलाड़ियों पर भी खर्च नहीं किया गया.

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पहले यह जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में अदालत ने इसे सीबीआई के हवाले सौंप दिया था. हालांकि बाद में इस पूरे केस में ईडी की भी एंट्री हो गई थी, क्योंकि मामले को मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ा गया.

सीबीआई के मुताबिक, फारूक अब्दुल्ला के जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए पैसों का गबन हुआ था. फारूक के साथ क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू-कश्मीर बैंक का एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर भी आरोपी हैं. इन पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात करने का आरोप है.

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