पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने अभियान शुरू कर दिया है. शुक्रवार सुरक्षाबलों ने सोपोर में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी को ढेर कर दिया. ये एनकाउंटर गुरुवार से ही चल रहा था. सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में असलहे बरामद किया है. अभी दोनों आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है. बता दें, गुरुवार देर शाम बारामूला जिले के सोपोर के वारपोरा क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने कासो (कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन) शुरू किया था. इस दौरान सुरक्षाबलों को गनशॉट्स सुनाई दिए, जिसके बाद से ही एनकाउंटर शुरू हो गया था.
गोलीबारी गुरुवार देर रात शुरू हुई जो शुक्रवार पूरे दिन रुक-रुक कर जारी रही. दिन में एक आतंकवादी मारा गया. इस दौरान उस इलाके में झड़पें हुईं, जहां बड़ी संख्या में युवाओं ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया. मजबूरन भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल करना पड़ा. उग्रवादियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
डीआईजी बारामूला अतुल गोयल ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान समय लग गया क्योंकि सुरक्षाबलों को इलाके से कई परिवारों को निकालना पड़ा. उन्होंने कहा कि घटनास्थल से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया.
सेना चला रहा है ऑपरेशन-60
बताया जा रहा है कि घाटी में करीब 60 आतंकी एक्टिव है, इसमें 35 पाकिस्तानी आतंकी हैं. इन आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान का नाम ऑपरेशन-60 रखा गया है. इसके पहले सेना ने ऑपरेशन-25 चलाया था. इसके तहत सुरक्षाबलों ने आतंकी गाजी राशिद को मार गिराया था.
शोपियां में सेना के कैंप के पास फायरिंग
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— आज तक (@aajtak) February 21, 2019
इससे पहले शोपियां में सेना के कैंप के बाहर संदिग्ध गतिविधि देखी गई. इसके बाद कैंप के गेट पर तैनात संतरी ने फायरिंग की. वहीं, LoC पर पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है. गुरुवार को भी पुंछ में पाकिस्तान की ओर से गोले दागे गए. सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया.
बता दें, पुलवामा अटैक के बाद पूरे जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों की ओर से चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. 18 फरवरी को सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले के साजिशकर्ता आतंकी कामरान उर्फ गाजी राशिद को ढेर कर दिया था. इस मुठभेड़ में सेना के मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए थे.
एक हफ्ते में 45 जवान शहीद
पुलवामा में आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटक से लदी गाड़ी जवानों से भरी बस में घुसा दी. इसके बाद हुए धमाके में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के ठीक दो दिन बाद यानि 16 फरवरी को जम्मू कश्मीर के रजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर बारूदी सुरंग के विस्फोट में मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट शहीद हो गए.
इसके दो दिन बाद यानि 18 फरवरी को पुलवामा के पिंगलिना में एक मुठभेड़ के दौरान सेना के एक मेजर समेत जवान शहीद हो गए. यानि पिछले एक हफ्ते में हमारे 45 जवान शहीद हो चुके हैं.