उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के लंगेट के बाबागुंड गांव में रात भर सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चली, जिसमें एक आतंकी मारा गया और एक आतंकी मलबे में छिप गया. सुरक्षा बलों ने दोनों आतंकियों को मरा समझ लिया, लेकिन कुछ देर बाद मलबे में छिपा आतंकी बाहर निकला और सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर समेत दो सुरक्षाकर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो जवान शहीद हो गए.
इससे पहले गुरुवार रात करीब 9 बजे सेना की 22 आरआर, 92 बटालियन सीआरपीएफ और एसओजी की टुकड़ियों ने सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान सुरक्षाबलों पर आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. अधिकारियों ने बताया कि फायरिंग रात एक बजे शुरू हुई. जब बलों की संयुक्त टीम ने तलाशी तेज की और संदिग्ध स्थान की ओर कुछ फायरिंग की गई. गोलाबारी के दौरान एक आतंकवादी मारा गया और दूसरा घर के मलबे में छिप गया.
इससे पहले 27 फरवरी को सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में जैश के दो आतंकियों को मार गिराया था. पुलवामा हमले के बाद से घाटी में सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है. 24 फरवरी को भी कुलगाम के तुरिगाम इलाके में मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकियों को मार गिराया था. यह सभी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बताए जा रहे थे. इस मुठभेड़ में डीएसपी अमित ठाकुर शहीद हो गए थे.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन 60 शुरू किया है. सुरक्षाबलों की माने तो घाटी में करीब 60 आतंकी सक्रिय हैं. इसमें से करीब 35 पाकिस्तानी हैं. पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी राशिद को मार गिराने से शुरू हुआ सुरक्षाबलों का अभियान अब एक-एक करके जैश के आतंकियों को खत्म करने तक चलेगा. बता दें, पुलवामा में जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने 14 फरवरी को हमला किया था. इस हमले में सीआरपीएफ की एक बस का निशाना बनाया गया था. हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.