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कल से जेल में भूख हड़ताल करेंगे सांसद इंजीनियर राशिद, बजट सत्र को लेकर स्पीकर को लिखा पत्र

इंजीनियर राशिद ने कहा कि लोकसभा सचिवालय से कई बार औपचारिक निमंत्रण मिलने के बावजूद उन्हें कभी भी संसद में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा, "क्या यह अजीब नहीं है और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने जैसा नहीं है कि मुझे सदन में भाग लेने का निमंत्रण दिया जाए और फिर मुझे जाने की अनुमति न दी जाए?"

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बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद
बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद

जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद ने शुक्रवार (31 जनवरी) से तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है. उन्होंने संसद में प्रवेश न मिलने का हवाला दिया है. लोकसभा अध्यक्ष को लिखे एक कड़े शब्दों वाले पत्र में राशिद ने अपनी शिकायतों का ब्यौरा दिया और और कश्मीर के चार जिलों और 18 विधानसभा क्षेत्रों की प्रतिनिधित्व की उपेक्षा को रेखांकित किया.

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इंजीनियर राशिद ने कहा कि लोकसभा सचिवालय से कई बार औपचारिक निमंत्रण मिलने के बावजूद उन्हें कभी भी संसद में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा, "क्या यह अजीब नहीं है और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने जैसा नहीं है कि मुझे सदन में भाग लेने का निमंत्रण दिया जाए और फिर मुझे जाने की अनुमति न दी जाए?"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका वीजा मिलने से इनकार किए जाने पर उनके बयान को याद करते हुए राशिद ने कहा, "जब मोदी जी को अमेरिका में वीजा नहीं दिया गया था, तो क्या वह और उनकी सरकार मेरे साथ हो रही इस सबसे खराब स्थिति पर भी अपनी कही बातें याद नहीं करेंगे?"

लगाया ये आरोप

पत्र में उन्होंने उन कानूनों के असंगत और पक्षपाती उपयोग का आरोप लगाया, खास तौर पर 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के दौरान गिरफ्तार किए गए राजनीतिक नेताओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार का हवाला देते दिया. उन्होंने बताया कि जब अन्य प्रमुख नेताओं को गेस्ट हाउस में हिरासत में लिया गया और बाद में बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया, तो वह तिहाड़ जेल में बंद हैं, जिसे उन्होंने "मेरी आवाज को दबाने के लिए यूएपीए का एक क्रूर तरीका" बताया.

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इंजीनियर राशिद, जो चुनावों में जेल में रहते हुए संसद के लिए चुने गए थे, ने कहा, "लोगों की अदालत ने मुझे 4 जून, 2024 को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था, लेकिन आज भी मुझे अपनी आवाज़ उठाने का मौका नहीं मिल रहा है."

पार्टी भी करेगी प्रदर्शन

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने इंजीनियर राशिद की निरंतर कैद की आलोचना करते हुए इसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का अपमान बताया. उन्होंने कहा, "निर्वाचित प्रतिनिधि को संसद तक पहुंच से वंचित करना न केवल इंजीनियर राशिद बल्कि बारामूला की पूरी आबादी के साथ घोर अन्याय है. सरकार को लोगों के जनादेश का सम्मान करना चाहिए और राशिद साहब को आगामी बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति देनी चाहिए.

 पत्र की प्रतियां भारत के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और एर राशिद के कानूनी सलाहकारों, अधिवक्ता विख्यात ओबेरॉय और जावेद हुब्बी को भी भेजी गई हैं.  राशिद ने इन संस्थानों से लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने और निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया है.

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एआईपी अध्यक्ष और बारामूला के सांसद राशिद के साथ एकजुटता दिखाते हुए, अवामी इत्तिहाद पार्टी (एआईपी) ने श्रीनगर, जम्मू और दिल्ली में एक साथ भूख हड़ताल की घोषणा की है. पार्टी के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि इन विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य अपने नेता के साथ हो रहे अन्याय की ओर राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना और बारामूला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को उजागर करना है.

इंजीनियर राशिद की शिकायतों का समाधान करने के लिए सरकार से अपील की गई है. यह घोषणा कश्मीर के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ की ओर इशारा करती है और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व और न्यायिक निष्पक्षता के बारे में महत्वपूर्ण सवाल खड़े करती है.

  

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