संसद हमला मामले में फांसी पाने वाले अफजल गुरु के परिवार ने अफजल का सामान सौंपे जाने के केन्द्र के फैसले का स्वागत किया लेकिन साथ ही कहा कि वे तिहाड़ जेल केवल उसी स्थिति में जाएंगे अगर सरकार उसका शव सौंपने पर सहमत हो.
दिल्ली में गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि परिवार को तिहाड़ जेल में अफजल की कब्र पर जाने की अनुमति दी जाएगी जिसके बाद अफजल के रिश्ते के भाई मोहम्मद यासिन ने सोपोर से कहा, ‘वे दो चीजों को मिला रहे हैं, हमें नहीं पता कि उनका क्या मतलब है. हम यहां से भी प्रार्थना कर सकते हैं. हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि शव वापस दिया जाए.’
सिंह ने यह भी कहा कि अफजल द्वारा तिहाड़ में छोड़े गये सभी सामान को उसके परिवार को सौंपा जाएगा. लेकिन यासिन ने कहा, ‘हम सामान सौंपने का स्वागत करते हैं लेकिन इसे शव सौंपने की बात में मिलाना नहीं चाहिए. वह अलग है. अगर उन्हें इतनी चिंता है तो उन्हें शव सौंपना चाहिए.’
यासिन ने कहा कि अगर शव लौटाया जाता है, तो ही वे तिहाड़ जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो हम अपने आप दिल्ली जाएंगे. हम सरकार से कोई धन नहीं चाहते. हम उनसे केवल अफजल का शव वापस चाहते हैं. अफजल के सामान के बारे में यासिन ने कहा कि अब वे बहुमूल्य हैं.
यासिन ने कहा कि लेखन सामग्री सहित अन्य सामानों में धार्मिक एवं अन्य पुस्तकें तथा एक रेडियो सेट है. यासिन ने कहा कि या तो वे हमें वहां आने के बारे में बता दें या हम शव और सामान लेने के लिए खुद से वहां जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि परिवार अफजल को सही तरह से सुपुर्द ए खाक करना चाहती है.
उन्होंने कहा कि परिवार ने इस संबंध में तिहाड़ जेल के अधिकारियों और बारामूला के उपायुक्त को एक पत्र लिखा है. गौरतलब है कि 43 वर्षीय अफजल को नौ फरवरी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी.
परिवार को अफजल की कब्र पर ‘फातिहा’ पढने की अनुमति देने पर सरकार के विचार करने के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान पर यासिन ने कहा कि इसका कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम फातिहा कहां पढ़ेंगे? हम उन्हें यहां सोपोर में दफनाना चाहते हैं.’
यासिन ने अफजल की फांसी के बारे में परिवार को सूचित करने वाले तिहाड़ जेल के अधिकारियों के पत्र को ‘निर्दयी मजाक’ करार दिया. यह पत्र परिवार को सोमवार को मिला था. यासिन ने कहा कि पत्र का सोमवार को पहुंचना परिवार के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है. यह जख्म कभी नहीं भरेंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि देश के नेता अफजल की फांसी पर राजनीति कर रहे हैं. यासिन ने कहा कि अफजल को फांसी सही थी या गलत, हम इसमें नहीं जाना चाहते लेकिन नेताओं को राजनीति नहीं करनी चाहिए.