कश्मीर में तनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के आवास पर रविवार को एक सर्वदलीय बैठक हुई. बैठक में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं. यह बैठक जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर केंद्रित थी जिसमें विशेष राज्य के दर्जे पर चर्चा की गई. बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि किसी सूरत में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं छीना जाना चाहिए.
फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा कि हम हिंदुस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि ऐसा कोई कदम न उठाया जाए जिससे घाटी के अमन चैन में खलल पड़े. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना की तैनाती से लोगों में डर है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि अमरनाथ यात्रा रद्द की गई हो. हालांकि उन्होंने घाटी के लोगों से शांति के लिए सब्र रखने की सलाह दी. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सभी दलों ने एकसुर में फैसला किया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विशेष दर्जे, उसकी पहचान और स्वायत्तता को बचाने के लिए एकजुट रहेंगे, चाहे किसी प्रकार के हमले या और कुछ भी हो.
National Conference leader Farooq Abdullah after an All Party meet in Srinagar: It was unanimously decided that all the parties will be united in their resolve to protect & defend identity, autonomy & special status of Jammu & Kashmir and Ladakh, against all attacks, whatsoever. https://t.co/ntYb6rPdV1
— ANI (@ANI) August 4, 2019
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हर हाल में बचाए रखा जाना चाहिए. उन्होंने विशेष दर्जा बचाए रखने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आने की अपील की. अब्दुल्ला ने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे दोनों मुल्कों में तनाव बढ़े. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि कश्मीर के लिए यह सबसे बुरा वक्त है.
दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सभी पयर्टक और तीर्थयात्री यथासंभव जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर छोड़ दें. अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू हुई थी. इसका समापन 15 अगस्त को होना था लेकिन इसे बीच में ही समाप्त कर दिया गया है. राज्य के लोगों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा को पहले ही समाप्त करने से कश्मीर घाटी में अफरातफरी का माहौल है, और लोग बुरी परिस्थितियों के लिए जरूरी चीजों की तेजी से खरीदारी कर रहे हैं. फारूक अब्दुल्ला ने भी अपने संबोधन में इस बात का जिक्र किया.
उधर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को जम्मू कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इसके बाद सोमवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी के आवास पर दिल्ली में कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. अटकलें ये भी हैं कि इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. इससे पहले ही कश्मीर के सभी दलों ने बैठक कर अपनी मंशा साफ कर दी है.